रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान ब्रेन हैमरेज से जान गंवाने वाले चंदन जिंदल का आज अंतिम संस्कार किया गया। चंदन का पार्थिव शरीर 10 दिनों के बाद यूक्रेन से पंजाब के बरनाला शहर पहुंचा, जहां परिवार ने रिश्तेदारों और शहरवासियों की मौजूदगी में इकलौते बेटे को अंतिम विदाई दी।
2 मार्च को हुई मौत, शव देखकर मां बेहोश
बरनाला के रहने वाले भाजपा नेता शीशन जिंदल के इकलौते बेटे चंदन जिंदल को यूक्रेन में ब्रेन हैमरेज हो गया था। वह कोमा में चला गया था और 2 मार्च को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। चंदन की मृत देह शनिवार को बरनाला पहुंची, लेकिन जैसे ही चंदन जिंदल के बॉक्स में बंद शव को गाड़ी से नीचे उतारा गया, चीख पुकार मच गई। चंदन के माता पिता अपने इकलौते बेटे को देखकर सुध-बुध ही खो बैठे।
2018 में MBBS करने गया था चंदन
पूर्व फार्मेसी अफसर शीशन जिंदल का बेटा चंदन जिंदल यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए 2018 में गया था। वह चौथे वर्ष की पढ़ाई कर रहा था। 2 फरवरी की रात उसे ब्रेन अटैक आया था और वह कोमा में चला गया था। 4 फरवरी को डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन किया। बेटे की देखभाल करने के लिए पिता शीशन कुमार जिंदल व ताया कृष्ण कुमार जिंदल यूक्रेन चले गए। इसी दौरान युद्ध शुरू हो गया।
सरकार ने नहीं दिया कोई सहयोग
एक मार्च को ताया कृष्ण कुमार जिंदल वापस बरनाला लौट आए थे और कुछ दिन बाद शीशन कुमार जिंदल भी वहां से लौट आए। चंदन जिंदल की मृत देह को यूक्रेन से भारत लाने में केंद्र व पंजाब सरकार ने कोई मदद नहीं की और न ही कोई प्रयास किया। वे अपने प्रयासों से और अपने खर्च से ही चंदन के शव को बड़ी मुश्किल से यूक्रेन से भारत और दिल्ली से बरनाला लेकर आए हैं।
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