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कोरोना वायरस के चलते बंद पड़े स्कूलों को पंजाब सरकार ने एक आदेश जारी कर खोलने के निर्देश देने के बाद वीरवार को फाजिल्का जिले के 1056 प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों में 697 लगभग सारे स्कूल आज खुल गए, किंतु उक्त स्कूलों में पढ़ने वाले 90 हजार विद्यार्थियों में से पहले दिन लगभग 45 हजार विद्यार्थी ही स्कूलों में पहुंचे अर्थात 50 से 55 प्रतिशत विद्यार्थी स्कूल आए, जबकि 14 एडिड स्कूलों व 345 प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले 45,200 बच्चों में से अधिकतर स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति नाममात्र रही।
वहीं, भास्कर टीम की ओर से उक्त स्कूलों के प्रबंधों की जांच की गई तो अधिकतर स्कूलों में कोविड-19 संबंधी नियमों की पालना होती नजर आई, क्योंकि स्कूलों में सैनिटाइजर व प्रत्येक बच्चे के लिए मास्क को यकीनी बनाए जाने संबंधी पूरे प्रबंध किए गए थे तथा क्लासरूम में बच्चों को 6 फीट की दूरी पर बैठाया गया।
अभिभावक बोले- स्कूल खुलने से बच्चों को और ज्यादा मिलेगा लाभ
शिक्षा विभाग द्वारा निरंतर की जा रही निगरानी और जागरूकता को अभिभावकों ने सराहा है। प्राइमरी स्कूल झुग्गे महताब सिंह में बच्चों के अभिभावकों ने कहा कि कोरोना के कारण भले ही एहतियात बरतते हुए स्कूल बंद किए हुए थे, परन्तु अब अनलाॅक प्रक्रिया दौरान वह भी चाहते हैं कि उनके बच्चे स्कूल जाएं। वे बच्चों को मास्क लगवा और जरूरी हिदायतें देकर स्कूल भेजेंगे, जिससे मौजूदा स्थिति से निपटा जा सके।
शिक्षा मंत्री का जताया आभार
शिक्षा मंत्री पंजाब विजय इंद्र सिंगला की ओर से जारी बयान का अभिभावकों, स्कूलों के मुखियों और शिक्षा शास्त्रियों ने स्वागत किया है। इस मौके पर बच्चों के अभिभावकों ने कहा कि भले ही सरकारी स्कूलों के अध्यापक ऑनलाइन भी बहुत बढ़िया पढ़ा रहे हैं, परन्तु वार्षिक परीक्षाएं नजदीक आ रही हैं और विद्यार्थियों को लिखने का अभ्यास भी करवाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि 5वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थी बहुत ही बुद्धिमत्ता से अपने स्कूलों में आकर पढ़ाई करेंगे।
बच्चों को सावधानियां बताईं
सरकारी कन्या सीसे स्कूल फाजिल्का के प्रिंसिपल संदीप धूड़िया ने कहा कि आज बच्चों के चेहरे पर खुशी साफ तौर पर देखी जा सकती है। स्कूल की तरफ से कोरोना के चलते पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जा रही है जो भी सरकार की गाइडलाइन है उसका पालन किया जाएगा। गवर्नमेंट प्राइमरी स्मार्ट स्कूल सुल्तानपुरा के अध्यापक निशांत अग्रवाल ने बताया कि स्कूल पहुंचने पर बच्चों के हाथों को सैनिटाइज करके व उनका टेंपरेचर चैक करके अंदर जाने दिया गया।
लंबे समय बाद स्कूल पहुंचे बच्चों के चेहरों पर दिखी खुशी
वीरवार को बच्चे स्कूल पहुंचने शुरू हुए, जहां स्कूल प्रशासन द्वारा बच्चों का टेंपरेचर चेक किया जा रहा था और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जा रही थी। बच्चों के चेहरे स्कूल खुलने के बाद खिले नजर आए। बच्चों का कहना था कि ऑनलाइन क्लास भी उनकी चल रही थी लेकिन स्कूल आकर पढ़ने में काफी फर्क है यहां पर वह प्रॉपर तरीके से समझ सकते है और अगर उन्हें कुछ समझ नही आता तो वह टीचर को पूछ सकते है लेकिन ऑनलाइन क्लास में कभी कभी नैट की दिक्कत आती थी।
सरकारी हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षाओं के विद्यार्थी पहले ही स्कूलों में आ कर पढ़ाई कर रहे हैं परंतु अब हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के साथ-साथ प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के अध्यापक भी प्रातःकाल 10 बजे से 3 बजे तक स्कूलों में अपनी ड्यूटी पर उपस्थित हो गए हैं।
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