एनएचएम इंप्लाइज यूनियन पंजाब के आह्वान पर 16 नवंबर से चल रही हड़ताल के 22वें दिन कर्मचारियों ने धरने के दौरान सिविल सर्जन दफ्तर में सूबा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। राजेश कुमार ने धरने को संबोधन करते हुए कहा कि सभी एनएचएम कर्मचारियों को जल्द रेगुलर किया जाए। सरकार को टाल मटोल का रवैया छोड़कर मुलाजिमों की मांगों को पूरा करना चाहिए। कर्मचारियों ने यूनियन नेता सत्त नारायण के नेतृत्व में पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
इस मौके पर रविंदर कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग पंजाब में एनएचएम के तहत कार्यरत कर्मचारी (क्लेरिकल, मेडिकल, पैरामेडिकल) पंजाब सरकार की हिदायतों के मुताबिक मुकम्मल भर्ती प्रक्रिया के जरिए भर्ती हुए हैं। 15 साल से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान एनएचएम कर्मियों द्वारा फ्रंटलाइन पर किए कामों को सिर्फ केंद्र स्कीमों के हवाला देकर नजरअंदाज करना 12000 कर्मचारियों के साथ बेइंसाफी है। कर्मचारियों ने पंजाब सरकार से अपील की कि उनका रोजगार की सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें रेगुलर करके बनता मान-सम्मान दिया जाए। जिला प्रधान रविंदर कुमार ने बताया कि टीबी प्रोग्राम, रिपोटिंग, जन्म मौत, सैंपलिंग, रुटीन टीकाकरण का काम प्रभावित हो रहा है। इस दौरान डाॅ. सुरजीत, डाॅ. दीपाली, डाॅ. सुनीता, अंजू, नीरज, मनजीत, सीमा, कुलदीप सिंह, नेत राम, परमिंदर सिंह, महिंद्र कुमार, आकाश कुमार, सुखदेव सिंह सहित एनएचएम का अन्य स्टाफ मौजूद था।
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