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गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर झंडा फहराने के विवाद के बाद कुछ किसान घर को लौट आए थे। अब दोबारा किसान पूरे जोश के साथ दिल्ली की ओर कूच करने लगे हैं। अधिक से अधिक किसान दिल्ली बॉर्डरों पर पहुंचें इसके लिए जहां गांवों में इकट्ठ कर लोगों से अपील की जा रही है वहीं दिल्ली न जाने वाले लोगों के लिए जुर्माने भी रखे जा रहे हैं। लंगरों के लिए फंड एकत्रित किया जा रहा हैै। जिले के कुछ गांवों में लोगों व पंचायतों ने एकत्र कर दिल्ली जाने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव भी पास कर दिए हैं। हर घर से किसान का 8 दिन दिल्ली आंदोलन में जाना जरूरी है।
8 दिन के लिए हर किसान का दिल्ली जाना जरूरी
गांव भलाईआना के पंचायत ने टिकरी बॉर्डर के लिए हर घर से 8 दिन के लिए किसान का जाना अनिवार्य कर दिया गया है, जो नहीं जाएगा उससे 500 रुपए प्रति दिन के हिसाब से 8 दिन का 4 हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। गांव महाबद्धर के सुखराज सिंह ने बताया कि उनके गांव से सिंघु बॉर्डर पर राशन चीनी, चाय पति, आटा व अन्य जरूरत का सामान ट्रैक्टर ट्रॉले से भेजा रहा है। शनिवार को ही झबेलवाली, मोड़, कोटली, गोनियाना से भी लंगर का सामान लेकर किसानों के जत्थे रवाना हुए।
दिल्ली न जाने वाले किसानों पर लगेगा 5 से 10 हजार जुर्माना
मुक्तसर के गांव चौंतरा की सरपंच शिवराज सिंह ने बताया कि टिकरी बॉर्डर पर जाने के लिए किसानों से 20 रुपए प्रति एकड़ फंड लिया जा रहा है। अगर कोई किसान टिकरी बॉर्डर पर नहीं जाता तो 5 से 10 हजार रुपए जुर्माना लिया जाएगा। गांव भागसर में टिकरी बॉर्डर पर लंगर के लिए प्रति एकड़ 50 रुपए फंड लगाया है। शनिवार को भी किसान यूनियन द्वारा 12 गांवों भुट्टीवाला, खिड़कियां वाला, भुल्लर, दोदा, काऊनी, गुड़ी संघर, कोठे ढाबा, कोठे बरड़े वाले, कोठे चिबेयांवाल में बाइक मार्च निकाला।
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