फिरोजपुर के कैदी की अद्भुत चित्रकारी:उदयपुर में बंद कैदी ने आर्ट गैलरी की तरह सजाया, पेशेवर कलाकार की तरह थ्री डी पेंटिंग से बदली जेल की सूरत

फिरोजपुर3 वर्ष पहले
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कैदी साधु राम (दांए) मूलरूप से पंजाब के सोडी नगर फिरोजपुर का रहने वाला है। - Dainik Bhaskar
कैदी साधु राम (दांए) मूलरूप से पंजाब के सोडी नगर फिरोजपुर का रहने वाला है।
  • एनडीपीएस एक्ट में सजा काट रहे कैदी साधुराम डेढ़ साल से कर रहा है चित्रकारी
  • फिराेजपुर का रहने वाला है कैदी, एनडीपीएस एक्ट में 5 साल से जेल में है बंद

(स्मित पालीवाल). पेंटिंग का शौकीन साधुराम जीवन की राह से भटका और अपराध की दुनिया में उतर गया। एक बार पकड़ाया तो अदालत ने 12 साल की सजा सुना दी और उदयपुर जेल में डाल दिया। सजा काटते-काटते चित्रकारी का हुनर फिर निखर उठा। वह तस्वीरें बनाने लगा और खूबसूरत इतनी कि इन्हें देखकर जेलर भी चौंक गए। फिर क्या था, जेलर ने रुचि के अनुसार उसे जेल की रंगत बदलने का जिम्मा सौंप दिया। करीब एक साल में उस पेंटर ने जेल की दीवारों पर इतनी खूबसूरत तस्वीरें उकेर दीं कि सबको लगने लगा है कि जैसे ये दीवारें बोल रही हैं।

साधुराम कैदी नंबर 259 है। वह 5 साल से ज्यादा वक्त से उदयपुर सेंट्रल जेल में है। जेल प्रशासन के अनुसार, साधुराम एनडीपीएस एक्ट राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में 25 अगस्त 2015 को पुलिस की गिरफ्त में आया था। दो अलग-अलग मामलों में कोर्ट ने साधु राम को 12 साल की सजा दी। उदयपुर जेल लाने पर वह रंगरोगन करने लगा। चित्र भी बनाए और काम धीरे-धीरे निखरता गया।

भगत सिंह, अंबेडकर और सुभाष चंद्र बोस के चित्रों से सजाई दीवारें।
भगत सिंह, अंबेडकर और सुभाष चंद्र बोस के चित्रों से सजाई दीवारें।

थ्री डी की तरह दिखता है वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम

उदयपुर जेल में बंद कैदी साधु राम आम कैदियों की तरह जेल के काम करता था लेकिन जेल प्रशासन द्वारा उसके हुनर को पहचाना गया। मार्च 2019 से उसे जेल में रंग रोगन का काम सौंपा गया। डेढ़ साल में साधु राम ने जेल की तस्वीर को बदल दिया है। अधिकारियों के कक्ष को भी थ्री डी कक्ष की तरह दिखाई देने वाला कर दिया।

थ्री डी पेंटिंग से भी सजाई जेल की दीवार।
थ्री डी पेंटिंग से भी सजाई जेल की दीवार।

अन्य कैदियों के लिए ट्रेनर बन गया साधुराम

उदयपुर जेल में बंद कैदी साधु राम की पेंटिंग से अन्य कैदी भी इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने भी साधु राम के साथ काम करने की इच्छा जताई। इसके बाद साधु राम ने अन्य कैदियों को भी रंग रोगन की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया। कुछ कैदी तो वह साधु राम की तरह बेहतरीन कलाकार बन कर उभर गए वहीं कुछ अब साधु राम के हेल्पर का काम करते हैं।

पूर्व में भी रंग रोगन का काम करता था।
पूर्व में भी रंग रोगन का काम करता था।

परिवार ने कहा- समय रहते सुधरने लगा साधु

कैदी साधुराम मूलरूप से पंजाब के सोडी नगर फिरोजपुर का रहने वाला है। पूर्व में भी रंग रोगन का काम करता था, ऐसे में अब जेल की तस्वीर बदलते हुए साधु राम को देख उसके परिजन भी संतुष्ट हैं। उनका मानना है कि अपराध की राह पर जाता साधुराम समय रहते सुधर गया और अब अपनी सजा पूरी कर साधु राम एक अच्छा कलाकार बनकर बाहर आएगा।

कुछ कैदी भी साधु राम (बीच में) की तरह बेहतरीन कलाकार बन कर उभर गए वहीं कुछ अब साधु राम के हेल्पर का काम करते हैं।
कुछ कैदी भी साधु राम (बीच में) की तरह बेहतरीन कलाकार बन कर उभर गए वहीं कुछ अब साधु राम के हेल्पर का काम करते हैं।

रुचि के हिसाब से सौंपते हैं काम : जेलर

उदयपुर सेंट्रल जेल के जेलर मानसिंह बारेठ बताते हैं कि जेल में कैदियों के आचरण को देखते हुए उन्हें काम करने का मौका दिया जाता है ताकि वह अपने व्यवहार और जीवन में सुधार ला सके। इसी पहल के तहत जेल में साधु राम को जेल प्रशासन द्वारा रंग रोगन की अनुमति दी गई जिसे अब साधुराम और उसके साथियों द्वारा बखूबी निभाया जा रहा है।

जेल की बाहरी दीवार को भी इस तरह चित्रों से पाटा गया है।
जेल की बाहरी दीवार को भी इस तरह चित्रों से पाटा गया है।
घरवाले भी बोले सुधर रहा साधू राम।
घरवाले भी बोले सुधर रहा साधू राम।
अलग-अलग पेटर्न की पेंटिंग बनाई।
अलग-अलग पेटर्न की पेंटिंग बनाई।
मार्च 2019 से उसे जेल में रंग रोगन का काम सौंपा गया।
मार्च 2019 से उसे जेल में रंग रोगन का काम सौंपा गया।