पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
प्रदेश के 142 सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों से रिटायर्ड 5000 से ज्यादा कर्मचारी पेंशन न मिलने की वजह से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। पंजाब सरकार व कॉलेज मैनेजमेंट में चल रही कशमकश का खामियाजा रिटायर्ड मुलाजिमों को भुगतना पड़ रहा है। 1990 के बाद से रिटायर हुए एडेड कॉलेज के मुलाजिमों को पेंशन नहीं मिली है, लंबी लड़ाई भी लड़ी लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला जबकि 700 से ज्यादा मुलाजिम को पेंशन को तरसते हुए ही इस दुनिया को अलविदा कह गए। वहीं अधिकांश रिटायर मुलाजिम तो 75 से 82 साल के हैं।
1965 से 1972 में पंजाब में 142 एडेड कॉलेज असितत्व में आए जिनमें 1974 में सर्विस सिक्योरिटी बना जबकि 1 सितंबर 1978 में ग्रांट इन एड लागू हुआ। तत्कालीन पंजाब सरकार ने 21 मार्च 1979 में बाकायदा सरकुलर भी जारी किया। एडेड कॉलेजों में सेवारत लेक्चरर व नान टीचिंग स्टाफ ने सोशल सिक्योरिटी की डिमांड की तो प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने 12 दिसंबर 1996 में पेंशन स्कीम लाने का पत्र जारी किया और बाकायदा 10 अप्रैल 1996 को विधानसभा में पेंशन देने का एक्ट पास हुआ और पंजाब के तत्कालीन गवर्नर ने स्टेट गजट में 26 अप्रैल 1999 को अप्रूवल भी दी।
पंजाब सरकार ने एडेड कॉलेजों का बोझ कम करने के मकसद से अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों का आधार शेयर देने की हामी भरी जबकि मुलाजिमों ने भी सीपीएफ की जगह पेंशन लेने पर अपनी रजामंदी लिखित में भेजी। एडेड कॉलेजों के रिटायर मुलाजिमों को पेंशन के लिए सरकार व कॉलेज प्रबंधकों की ओर से लगातार टरकाया जाता रहा, इस पर मुलाजिमों ने पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट की शरण ली। अदालत में अपना पक्ष रखने से बचते हुए मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की सरकार ने ही दिसंबर 2012 में पेंशनरी एक्ट को ही रद कर दिया जिस पर अदालत ने भी हाथ खड़े कर दिए और वकील को अपना केस वापस लेना पड़ा। सरकार ने तर्क दिया कि कॉलेज मैनेजमेंट ने अपना शेयर जमा नहीं करवाया जबकि एडेड कॉलेज स्टाफ ने भी पेंशन संबंधी अपनी सहमति नहीं भेजी। हाइकोर्ट में दोबारा दायर किया गया केस भी सिरे नहीं चढ़ सका। रिटायर्ड मुलाजिमों ने जुलाई 2015 में सुप्रीम कोर्ट में केस दायर किया लेकिन हैरानी की बात है कि 5 साल में कोई तारीख नहीं पड़ी और केस अभी बहस तक भी नहीं पहुंच पाया।
दवा तक के लिए दूसरों पर निर्भरता
आमदनी का कोई जरिया न होने की वजह से रिटायर्ड मुलाजिमों के लिए घर का गुजारा भी मुश्किल हो गया है, उम्र के इस पड़ाव में रिटायर्ड मुलाजिमों को अपनी दवाई के लिए दूसरों पर निर्भर होना पड़ रहा है। जिंदगी भर नौकरी से समाज में अच्छी साख बनाई लेकिन बुजुर्गावस्था में अपने गुजारे व सबसे ज्यादा जरूरी दवाई के लिए रुपया मांगने की शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है। रिटायर्ड मुलाजिमों को किसी प्रकार का मेडिकल एलाउंस तक नहीं दिया जा रहा।
उम्र के इस पड़ाव में मोहताज होना नागवार : प्रो. रजनीश
डीएवी कॉलेजेज रिटायर्ड टीचर्स यूनियन के प्रधान प्रो. रजनीश का कहना है कि पंजाब सरकार की अनदेखी की वजह से रिटायर्ड मुलाजिमों को अधेड़ावस्था में पेंशन न मिलने की वजह से मोहताज होना पड़ रहा है। नौकरी के दौरान की गई जमा-पूंजी बेटा-बेटी की शादी पर खर्च कर दी और अब जेब खाली है। उनके अनुसार सरकार पेंशन का फैसला कर भी दे तो 1 साल से ज्यादा तो इसके लागू होने में लग जाएगा और ज्यादातर रिटायर्ड मुलाजिम इसका फायदा नहीं ले पाएंगे क्योंकि वे 75 से 85 साल में पहुंच चुके हैं।
पंजाब सरकार को करनी चाहिए मदद : सुखदेव सिंह हुंदल
पंजाब एडेड कॉलेजेज रिटायर्ड एंप्लाइज एसोसिएशन के प्रधान सुखदेव सिंह हुंदल का कहना है कि मैनेजमेंट और पंजाब सरकार की लड़ाई के बीच रिटायर्ड मुलाजिम पिस रहे हैं। अदालतों की शरण में गए तो पंजाब सरकार ने अपना ही बनाया एक्ट खुद ही कैंसिल कर दिया। अब रिटायर्ड मुलाजिम को किसी तरह की सोशल सिक्योरिटी न होने की वजह से बहुत परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं। ज्यादा परेशानी तो अकेले बुजुर्गों को उठानी पड़ रही हैं जिनके बच्चे उनसे अलग रहते हैं। रिटायर्ड मुलाजिम वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल से भी मिल चुके हैं लेकिन अभी तक सिवाय भरोसे के कुछ नहीं मिला, सरकार को रिटायर्ड मुलाजिमों के हालातों के मद्देनजर पेंशन स्कीम का फायदा देना चाहिए।
रिटायर्ड को पेंशन न देना नाइंसाफी : प्रो. गोसाईं
डीएवी कॉलेजेज रिटायर्ड टीचर्स यूनियन के प्रेस सेक्रेटरी प्रो. एनके गोसाई के अनुसार पंजाब सरकार की ओर से दोगली नीति अपनाई जा रही है, प्रदेश के एडेड स्कूल स्टाफ को तो पेंशन का लाभ दिया जा रहा है जबकि एडेड कॉलेज स्टाफ को पेंशन स्कीम से वंचित रखा गया है। एडेड स्कूलों पर भी तो सरकार की पॉलिसी लागू है, तो एडेड कॉलेज भी इसी नियम में आते हैं, ऐसे में मुलाजिमों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन न मिलना नाइंसाफी है।
पॉजिटिव- आज आप बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से अपने काम संपन्न करने में सक्षम रहेंगे। सभी का सहयोग रहेगा। सरकारी कार्यों में सफलता मिलेगी। घर के बड़े बुजुर्गों का मार्गदर्शन आपके लिए सुकून दायक रहेगा। न...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.