समाजसेवी एडवोकेट नवीन सिंगला ने महाराज श्री अग्रसेन जी की जयंती की शुभघड़ी पर सभी को बधाई दी है। उन्होंने बताया कि कलियुग के 85 वर्ष पूर्व मार्गशीर्ष कृष्ण पंचमी को प्रताप नगर में श्री देवल वल्लभ के घर महाराजा अग्रसेन का जन्म हुआ। अपने पिता महाराजा वल्लभ सेन के साथ उन्होंने 16 वर्ष की आयु में पांडवों के साथ महाभारत युद्ध में भाग लिया।
पिता के देहावसान के बाद महाराजा अग्रसेन ने जनहित एवं जनकल्याण के लिए शासन किया जिसमें समान अधिकार देने के अलावा कुरीतियों को खत्म कर नारी को समाज में सम्मानित स्थान दिलाया तथा कमजोर को एक ईंट व एक रुपया देने का नियम बनाया।
इंद्रदेव से युद्धों व अकाल के समय महाराजा अग्रसेन ने मां महालक्ष्मी की आराधना कर उन्हें कुलदेवी प्रतिष्ठित किया। महाराजा अग्रसेन के 18 विवाह व 18 पुत्र हुए तथा उनके राज्य में 18 कुलों के प्रतिनिधियों की सहायता से शासन संचालन किया।
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