मालवा लिखारी सभा संगरूर की ओर से चुनाव को लेकर मासिक समागम का आयोजन किया गया। बैठक में शामिल समूह साहित्यकारों ने सर्वसम्मति से एकजुट होकर चुनाव आयोग से मांग की कि चुनाव में हिस्सा लेने वाली समूह पार्टियों व उम्मीदवारों की ओर से जारी किए जाते चुनाव मैनीफैस्टो को कानूनी रूप दिया जाए ताकि वोट लेते समय लोगों के साथ किए गए वादे पूरे न होने पर कानूनी कार्रवाई की जा सके। इस मौके पर कविता स्कूल शेरपुर के प्रधान जंग सिंह फटड़ की अगुवाई में हुए समागम में साहित्यकारों में चुनाव प्रक्रिया संबंधी संवाद किया।
इसमें अपने विचार प्रगट करते हुए प्रो. नरिंदर सिंह ने कहा कि चुनाव मैनीफैस्टो कानूनी होने से राजनेता जनता को मूर्ख बनाकर वोट नहीं ले सकेंगे। दलबार सिंह चट्ठे सेखवां ने कहा कि दिल्ली की कठपुतलियां बनी राजनीतिक पार्टियों की तरफ देखने की बजाए पंजाब के दुख दर्दों की बात करने वाले अपने नुमाइंदे पंजाब विधानसभा में भेजने चाहिए। पंजाबी साहित्य सभा धूरी के प्रधान मूल चंद शर्मा ने कहा कि वोट डालना हर नागरिक का निजी हक है परंतु वोट किसी भी तरह बेची नहीं जानी चाहिए। साहित्य सभा सुनाम के सरप्रस्त जंगीर सिंह रत्न ने कहा कि हर वोटर को सोच-समझकर ही वोट डालनी चाहिए। कर्म सिंह जख्मी ने कहा कि वोट डालते समय साल भर दिल्ली की सीमाओं पर रूले किसानों को जरूर ध्यान में रखना चाहिए। इस दौरान पंथक कवि लाभ सिंह द्वारा गाए गीत से शुरू हुए कवि दरबार में सुरजीत सिंह मौजी, जग्गी मान, जसपाल सिंह संधू, पूजा पुंडरक, सुखविंदर सिंह, मूल चंद शर्मा, रजिंदर सिंह राजन, सुरिंदरपाल सिंह सिदकी, प्रो. नरिंदर सिंह, परमजीत सिंह पम्मी, जंगीर सिंह रत्न, दलबार सिंह, भोला सिंह संग्रामी, सरबजीत संगरूरवी ने हिस्सा लयिा। कर्म सिंह जख्मी ने आए साहित्यकारों का धन्यवाद किया। समागम में मंच संचालन की भूमिका रजिंदर सिंह राजन ने निभाई।
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