एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध रोकथाम और नियंत्रण जागरूकता सप्ताह के दौरान जागरूकता सामग्री का विमोचन सिविल सर्जन फरीदकोट डॉ. नरेश कुमार बाठला ने किया। इस मौके पर उनके साथ सहायक सिविल सर्जन डॉ. मनदीप कौर व एसएमओ डॉ. चंद्रशेखर भी उपस्थित रहे।
डॉ. नरेश बठला ने कहा कि बिना डॉक्टर की सलाह के अधिक एंटीबायोटिक दवाएं लेने से मानव शरीर में मौजूद बैक्टीरिया पर एंटीबायोटिक दवाओं का असर बंद हो जाता है।
जो एक खतरनाक चलन है, क्योंकि ऐसे लोगों को जब कोई बीमारी हो जाती है तो दवाओं का सही और समय पर असर नहीं होता है। लोग बिना चिकित्सकीय सलाह के एंटीबायोटिक दवाएं लेते हैं, जबकि कभी-कभी इसकी आवश्यकता नहीं होती है। उन्होंने कहा कि एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग सावधानी से करना चाहिए।
इस दौरान एमडी मेडिसिन डॉ. रुपिंदर कौर और डॉ. हुसन पाल ने कहा कि मरीज को डॉक्टर की सलाह पर ही एंटीबायोटिक दवाई लेनी चाहिए और कोई पुराना नुस्खा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही एंटीबायोटिक का कोर्स पूरा करना चाहिए। सामान्य सर्दी, फ्लू, नाक बहने या वायरल संक्रमण होने पर एंटीबायोटिक्स न लें और संक्रमण से बचने के लिए अपने हाथों को बार-बार धोएं।
जिला मास मीडिया अधिकारी मीना कुमारी एवं डिप्टी मास मीडिया अधिकारी संजीव शर्मा ने योग्य चिकित्सक द्वारा बताई गई एंटीबायोटिक दवाएं लेने की ही सलाह दी। उन्होंने कहा कि उपचार पूरा होने के बाद स्वयं एंटीबायोटिक्स न लें और अनुपयोगी एंटीबायोटिक दवाओं को दूसरों के साथ न बांटे।
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