मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा नरमे की फसल को गुलाबी सुंडी के प्रकोप से बचाने के लिए दिए गए निर्देशों के मद्देनजर, कृषि और किसान कल्याण विभाग, फाजिल्का द्वारा जिले में कुल 29 निगरानी टीमों का गठन किया गया है। मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. रेशम सिंह ने बताया कि इनमें से 24 टीमें सर्कल स्तर पर, चार ब्लॉक स्तर पर और एक जिला स्तर पर बनाई गई है। ये टीमें मंगलवार और वीरवार को खेतों का निरीक्षण करती हैं और गुलाबी सुंडी सहित अन्य कीटों की निगरानी करती हैं ताकि किसी भी संभावित हमले की सूरत में अग्रणी प्रबंध करते कीड़ों पर काबू पाया जा सके।
इसके अलावा विभाग द्वारा लगातार किसानों से संपर्क करके उन्हें गुलाबी सुंडी के शीघ्र आगमन का पता लगाने और रोकथाम बारे बताया जा रहा है। कृषि अधिकारी गुरमीत सिंह चीमा ने बताया कि किसानों को प्रति एकड़ दो फेरोमोन ट्रैप लगाने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया ताकि नर पतंगों से गुलाबी सुंडी के आने से पहले ही इसका पता लग सके और किसान तुरंत छिड़काव कर सकें।
उन्होंने कहा कि कि अभी नरमे पर फूल लगने का समय नहीं है और इस समय जो फूल आ रहे हैं वे पकेंगे नहीं। उन्हें नकली फूल कहा जाता है, उनकी संख्या केवल 40-50 प्रति एकड़ है इसलिए अगर उन्हें तोड़कर एक बैग में इकट्ठा करके खेत से बाहर लाकर नष्ट कर दिया जाए तो यह गुलाबी सुंडी का बच्चा भी मर जाएगा।
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी तक जिले में कहीं भी गुलाबी सूंडी का कोई सबूत नहीं मिला है। मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. रेशम सिंह ने बताया कि जिले में 62.5 एकड़ प्रति हेक्टेयर की दर से तीन प्रदर्शनी प्लाट विभाग लगवा रहा है जिसमें पीबी नॉट तकनीक के तहत पौधों पर कुछ धागे बांधे जा रहे हैं। इससे गुलाबी सुंडी के मादा पतंगी की सुगंध आती है जिससे नर और मादा का असल मिलन नहीं होता। अबोहर के एपीपीओ सुंदर लाल ने कहा कि किसान किसी भी जानकारी के लिए कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
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