केंद्र की अग्निपथ योजना के विरोध में शुक्रवार को फाजिल्का में भी डीसी कार्यालय के समक्ष विभिन्न संगठनों जिनमें भारतीय किसान यूनियन एकता डकौदा, पूर्व सैनिक सांझा मोर्चा पंजाब, कुल हिंद किसान सभा, सर्व भारत नौजवान सभा और आर्मी में भर्ती के लिए संघर्ष कर रहे युवकों द्वारा धरना लगाकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रोष प्रदर्शन किया गया। इसके बाद राष्ट्रपति के नाम का मांगपत्र डीसी कार्यालय में सौंपा गया। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान यूनियनों की ओर से रोष मार्च निकालकर डीसी दफ्तर के बाहर पुतला फूंका गया।
उधर, जलालाबाद एसडीएम कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शन करते हुए किसान नेताओं ने जहां सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए योजना वापस लेने के लिए राष्ट्रपति के नाम उपमंडलीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। यूनियन नेताओं ने कहा कि अग्निपथ योजना नौजवानों को बेरोजगार करने के लिए बनाई गई है क्योंकि 4 साल की नौकरी करने के बाद नौजवानों को कोई रोजगार नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना से सेना में भर्ती होने का सपना देख रहे युवाओं के साथ सरकार ने खिलवाड़ किया है। इसलिए इसे जल्द रद्द किया जाए।
इस अवसर पर भारतीय किसान यूनियन एकता डकौदा के जिलाध्यक्ष हरीश नड्ढा ने बताया कि देश में पहले ही बहुत बेरोजगारी है। ऊपर से केंद्र की इस अग्निपथ योजना से नौजवान परेशान हैं। इससे पहले भी मोदी सरकार द्वारा कृषि कानून लाए गए थे और बीबीएमबी तथा चंडीगढ़ से पंजाब को अलग करने का मुद्दा था। ऐसे कानूनों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि केन्द्र सरकार ने अग्निपथ योजना वापिस न ली तो वह मोदी सरकार के खिलाफ बड़ा संघर्ष शुरू करेंगे।
कुल हिंद किसान सभा का जिलाध्यक्ष कामरेड सुरिंदर ने कहा कि सरकार अग्निपथ योजना लागू करके सेना के मान सम्मान को ठेस पहुंचाने जा रही है। सरकार ने चुनावाें में वन रैंक वन पेंशन योजना पूर्व सैनिकों के लिए लागू करने का ऐलान किया था। लेकिन अग्निपथ योजना लागू कर दी। वहीं आर्मी भर्ती के लिए संघर्ष कर रहे युवाओं ने कहा कि आर्मी का लिखती पेपर जल्द से जल्द करवाया जाए। कोरोना के चलते जिन युवाओं को ओवरऐज कर दिया गया था 2 वर्ष की समय सीमा बढ़ाकर छूट दी जाए।
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