कृषि विभाग ने गांव ओडियां में कैंप लगाकर नरमे की फसल को पुनर्जीवित करने के नुक्ते सांझे किए। बीटीएम राजदविंदर सिंह और सर्कल इंचार्ज सुखदीप सिंह ने बताया कि गुलाबी सूंडी नरमे का मुख्य कीड़ा है। सूंडी के हमले को रोकने के लिए खेतों में रखी छटियों पर लगी सीकरियां नष्ट करके छटियां सीधी खड़ी रखी जाएं। गांवों में घरों और अन्य स्थानों पर रखी छटियों को झाड़कर भी सीकरियों को नष्ट कर दिया जाए। उन्होंने कहा की छटियां झाड़ने का काम मार्च महीने के अंत तक हर हालत में मुकम्मल कर लिया जाए।
जिले में नरमा सावन की फसल की मुख्य फसल है। उन्होंने कहा कि नहरी पानी के कमी के कारण नरमे की लेट बिजाई, सफेद मक्खी के हमले, भारी बरसातों और फसल के आखिर में गुलाबी सूंडी के हमले कारण नरमे के झाड़ में कमी आने से किसानों का आर्थिक नुकसान हुआ। राजदवणेदर सिंह ने किसानों को बताया की गुलाबी सूंडी और सफेद मच्छर से बचाव के लिए नरमे की बिजाई हर हालत में 15 मई तक कर ली जाए।
सफेद मक्खी के फैलाव को रोकने के लिए खाली स्थानों, सड़कों के किनारों, सिंचाई नालों, खालों की बाट में से सफेद मक्खी के खरपतवार जैसे कंघी खरपतवार, पिल्ली बूटी, उल्टाकंडा, कांगस घास, धतूरा, भांग, गुत्त पटवा आदि नष्ट करें। नरमे के अलावा सफेद मक्खी का हमला और फसलों जैसे बैंगन, खीरा, चपन कद्दू, तर, आलू, टमाटर, मिर्ची आदि पर भी हाेता है। इसलिए फरवरी महीने से इन फसलों पर और नरमे पर अप्रैल महीने से लगातार सर्वेक्षण करते रहे।
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