कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटते ही किसान कर्ज माफी योजना को ग्रहण लग गया। इस योजना को न तो कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आगे बढ़ाया और न ही अब तक भगवंत मान से इस योजना पर कोई कदम उठाया। नतीजा कैप्टन के हटने के समय तक जिन पात्र किसानों के कर्ज माफ नहीं हो सके वे किसान योजना का लाभ लेने के इंतजार में ही रह गए।
बहुत से किसान ऐसे हैं जो योजना के तहत पात्र पाए गए पर उनकी तमाम प्रकार की वेरिफिकेशन होते होते देर हो गई। इस कारण उनका नाम कर्ज माफी में नहीं आया। प्रोसेस के अंतिम चरण में जिले के 244 किसान इस लिए योजना का लाभ लेने से वंचित रह गए कि प्रदेश का मुख्यमंत्री बदल गया।
सूबे में 2017 में बनी कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा प्रदेश के छोटे किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा की गई थी। सबसे पहले चरण में 2.5 एकड़ भूमि तक वाले किसानों की योजना के तहत कर्ज माफ करने के लिए वेरीफिकेशन शुरू की गई। उसके बाद 2.5 से 5 एकड़ तक वाले किसानों की वेरीफिकेशन शुरू हुई । वेरिफिकेशन में सबसे पहले माल विभाग के रिकॉर्ड को आधार बनाया गया ।
उसके बाद सोशल वेरीफिकेशन की गई। सही पात्र पाए जाने के कर्ज की माफी के लिए कागजी कार्रवाई आगे बढ़ी। काफी लोग ऐसे भी निकले जो इस लाभ के पात्र नहीं थे पर वे कर्ज माफी के लिए स्व घोषणा पत्र देकर अपना कर्ज माफ करवाने के लिए लाइन में लगे पर किसी न किसी वेरीफिकेशन में वे अपात्र साबित हो गए और सरकार द्वारा उन्हें योजना के तहत लाभ देने से बाहर कर दिया गया ।
जिले से 54,888 किसानों में से सरकार ने 44,376 केस किए मंजूर
सरकार की तरफ से बैंकों से छोटे व फिरोजपुर जिले में 2.5 से कम जमीन वाले व 2.5 से 5 एकड़ भूमि तक वाले कर्जवान के किसानों के नाम मांगे गए तो विभिन्न बैंकों की तरफ से जिले से 54,888 किसानों के नाम भेजे गए । जिनमें से सरकार की तरफ से 44,376 अप्रूव किए गए और 10,303 रिजेक्ट कर दिए गए । उसके बाद अप्रूव किए गए 44,376 किसानों का सोशल ऑडिट हुआ जिनमें से 26,759 पात्र पाए गए । पात्र पाए गए किसानों के खातों में सरकार की तरफ से योजना के तहत 221 करोड़, 1.72 लाख राशि ट्रांसफर कर दी गई।
ऐसे में कई किसान रोते पीटते नजर आए कि उन्हें किसी ने किसी वेरीफिकेशन या फिर कोई कागजातों की कमी बता कर योजना से बाहर कर दिया जो कर्जवान किसानों के साथ सौतेला व्यवहार है । सभी किसानों के कर्ज की माफी के लिए किसान संगठनों ने बार-बार धरने प्रदर्शन भी किए । पर कैप्टन के पद से हटने के बाद इस योजना पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी कड़ी में फिरोजपुर जिले के 156 किसान लेंड वेरिफिकेशन व 88 किसान स्व घोषणा पत्र वालों की प्रक्रिया कैप्टन के हटने तक पूरी नहीं हो सकी और ये किसान कर्जमाफी योजना से वंचित हो गए ।
किसानों का विवरण सरकार को भेजा पेमेंट किसी को हो गई या नहीं, पता नहीं
जिला कृषि अधिकारी पिरथी सिंह ने कहा कि कर्ज माफी को लेकर आया पत्र किसानों का विवरण सरकार को भेज दिया गया था। उसके बाद पेमेंट का विवरण नहीं है कि किस को हो गई है या नहीं। जिला रजिस्ट्रार कुलदीप कुमार ने बताया कि 20 सितंबर 2021 के बाद इस योजना के तहत कोई प्रकिया आगे नहीं चली। उससे पहले हुई सभी किसानों की वेरिफिकेशन के बाद उन्हें कर्ज माफी का लाभ मिल गया।
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