सिविल सर्जन डॉ. रजिंदर अरोड़ा के दिशा निर्देशों के तहत डॉ. करणवीर कौर सीनियर मेडिकल अधिकारी सीएचसी गुरु हरसहाए की रहनुमाई में थैलेसीमिया बीमारी संबंधी स्कूलों में आरबीएसके टीमों द्वारा जागरुकता कैंप लगाय गए । जिसके तहत डॉ. हरबंस लाल और डॉ. गुरविंदर सिंह द्वारा स्कूलों के समूह स्टाफ और विद्यार्थियों को थैलेसीमिया बीमारी बारे जानकारी दी गई । उन्होंने कहा कि थैलेसीमिया एक जिनसी रोग है । इस बीमारी के कारण खून के लाल सैल बनाने की शक्ति कम या खत्म हो जाती है । थैलेसीमिया के मरीजों को हर 15-20 दिनों बाद खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है ।
इस कि जांच के लिए एच पीएलसी मशीनों द्वारा खून का एचबीए-2 टेस्ट राज्य के तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर, पटियाला और फरीदकोट के साथ एमज बठिंडा के सरकारी अस्पताल लुधियाना, आलंधर, होशियारपुर और गुरदासपुर में किया जाता है ।
इस बीमारी से बचाव के लिए आने वाली पीढ़ी को बचाने के लिए थैलेसीमिया का टेस्ट कुछ वर्ग का जरूरी करवाएं जैसे कि गर्भवती औरतें खास तौर पर पहली तिमाही में, विवाह योग्य पर शादीशुदा जोड़े, अनीमिया का इलाज करने के बावजूद खून की मात्रा ना बढ़ती हो। इस लिए जल्द ही अपना थैलेसीमिया जांच के लिए खून का टेस्ट करवाएं और अपने आने वाले बच्चों की जिंदगी को थैलेसीमिया से बचाएं। इस मौके पर मनजीत कौर नर्सिंग अधिकारी, जसविंदर सिंह फार्मेसी अधिकारी, मंगत सिंह फार्मेसी अधिकारी, स्कूल स्टाफ हाजिर थे ।
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