गन्ने की बकाया पेमेंट को लेकर बाबा बकाला के एसडीएम दफ्तर में किसानों व मिल प्रबंधकों की होने वाली 16 मई की मीटिंग को लेकर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब ने कहा है कि मांग का समाधान न होने पर संघर्ष शुरू किया जाएगा। जत्थेबंदी की सूबा कमेटी के सीनियर उपप्रधान सविंदर सिंह चुताला, लखविंदर सिंह वरियाम नंगल, रणजीत सिंह कलेर बाला, जिला गुरदासपुर के प्रधान गुरप्रीत सिंह खानपुर, प्रेस सचिव गुरप्रीत सिंह नानोवाल, प्रेस सचिव अशोक वर्धन ने बताया कि राणा बुट्टर मिल द्वारा किसानों के साथ किया समझौता तोड़ने के बाद एसडीएम बाबा बकाला ने मिल प्रबंधकों से जत्थेबंदी की दोबारा मीटिंग रखी थी।
प्रशासन द्वारा बार-बार मीटिंग की तारीख बदली जा रही है। अब 16 मई को एसडीएम बाबा बकाला दफ्तर में मीटिंग है। प्रशासन भी गन्ने की बकाया पेमेंट के भुगतान को लेकर ठोस कार्रवाई करने के पक्ष में नजर नहीं आ रहा। प्रशासन मामले को जानबूझकर लटका रहा है। जत्थेबंदी ने 26 मार्च को राणा बुट्टर मिल के समक्ष गन्ने की बकाया पेमेंट को लेकर धरना शुरू किया था, जो बाद में अमृतसर-जालंधर रेलवे ट्रैक पर ब्यास के पास तब्दील कर दिया था।
उस दौरान प्रशासन के अधिकारियों ने किसानों व मिल प्रबंधकों के बीच लिखित समझौता करवाकर धरना उठाया था। कुछ दिन बाद मिल प्रबंधक लिखती समझौते से भाग गए। अब 16 मई को गन्ने की बकाया पेमेंट के मुद्दे का कोई समाधान न निकला तो अमृतसर प्रशासन खिलाफ उच्च स्तरीय संघर्ष शुरू किया जाएगा। यदि पंजाब सरकार कोशिश करे तो चार दिन में उक्त समस्या का समाधान हो सकता है, लेकिन यह पार्टी की पंजाब सरकार भी पहले जैसी सरकारों की तरह किसानों के दुख दर्द व समस्याएं नहीं समझती।
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