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नगर कौंसिलों चुनावों के बुधवार को घोषित नतीजों में नवांशहर नगर कौंसिल चौका यानि लगातार 4 बार कौंसिल बनाने में कामयाब हुई है और लंबे समय बाद राहों में भी कांग्रेस ने वापसी की है। लेकिन बंगा में कोई भी पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर पाई है। 15 वार्डों वाली नगर कौंसिल बंगा में कांग्रेस व आम आदमी पार्टी दोनों को 5-5 सीटें मिली हैं, जबकि अकाली दल को 3 और भाजपा व आजाद 1-1 सीट पर कामयाब हुए हैं। नगर कौंसिल नवांशहर की बात करें तो नवांशहर की 19 सीटों में से कांग्रेस को 11, आजाद को 4, अकाली दल को 3 व बसपा को 1 सीट मिली है।
नवांशहर में कांग्रेस लगातार चौथी बार कौंसिल की सत्ता पर काबिज हुई है। राहों नगर कौंसिल में भी कांग्रेस ने इस बार वापसी की है। राहों के 13 वार्डों में से 7 पर कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार जीते हैं, जबकि 4 पर अकाली समर्थित और 2 पर बसपा समर्थित उम्मीदवार जीते हैं। राहों में सबसे बड़ी वार्ड नंबर 4 से कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार करनैल सिंह को मिली है। करनैल सिंह को 499 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर पर रहे
ओंकार सिंह 208 वोट मिले। करनैल सिंह 291 वोट से विजयी हुए। बंगा में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल पाया। बंगा के 15 वार्डों में से कांग्रेस व आप को 5-5 सीटें मिलीं, जबकि अकाली दल को 3, और भाजपा व आजाद को 1-1 सीट पर जीत दर्ज की है। जाहिर है कि बंगा में कौंसिल प्रधान बनाने के लिए सभी पार्टियों को खासी मशक्कत करनी पड़ेगी। बंगा के वार्ड नंबर 12 से कांग्रेस के मनजिंदर मोहन ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की। मनजिंदर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 457 वोट से हराया। जबकि वार्ड नंबर 8 से अकाली दल के जीत सिंह भाटिया मात्र एक वोट से विजयी हुए।
वार्ड 12 में सबसे अधिक व सबसे कम वोट का रिकार्ड - जिला शहीद भगत सिंह नगर में हुए नगर कौंसिल चुनाव में नवांशहर, बंगा व राहों के 47 वार्डों में से उम्मीदवार को सबसे अधिक व सबसे कम वोट का रिकार्ड नवांशहर के वार्ड नंबर 12 में बन गया। नवांशहर में सबसे बड़ी जीत पूर्व नगर कौंसिल प्रधान ललित मोहन पाठक बल्लू को मिली। वार्ड 12 से आजाद उम्मीदवार ललित मोहन बल्लू को कुल 1162 वोट मिले,
उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के रोहित चोपड़ा 165 वोट मिले। बल्लू 997 वोट से जीत दर्ज की। नवांशहर में सबसे कम अंतर यानि 1 वोट से जीत कांग्रेस के चेतराम रतन को मिली। इसी तरह किसी उम्मीदवार को सबसे कम वोट मिलने का रिकार्ड भी इसी वार्ड में बना। इस वार्ड से आजाद उम्मीदवार पाला सिंह संधू को एक भी वोट नहीं मिल पाया।
हेमंत की हैट्रिक, गोरा और नवजोत दूसरी बार बने पार्षद- राहों में 13 सीटों के नतीजों में पूर्व प्रधान हेमंत रणदेव, सुभाष गोरा व नवजोत भारती के अलावा सभी अन्य 10 चेहरे पहली बार कौंसलर बने हैं। बात बहुमत की करें तो राहों में कांग्रेस से संबंधित 7 व अकाली-बसपा गठबंधन से संबंधित 6 ने जीत हासिल की है। कांग्रेस को 3 दशक बाद राहों में बहुमत मिला है। 2003 में जीते बसपा उम्मीदवार जो प्रधान बने थे, के
पार्टी छोड़कर कांग्रेस में जाने पर करीब ढाई साल यानि 2008 तक भले ही कांग्रेस का कब्जा फिर से हो गया था मगर इसके बाद कांग्रेसी पार्षद विपक्ष की ही भूमिका निभाते रहे हैं। इस बार कांग्रेस से संबंधित 7 पार्षद जीते हैं, यानि करीब 24 साल बाद कांग्रेसी पार्षद राहों में बहुमत में होंगे।
बिट्टा व चोपड़ा का नाम प्रधान पद के लिए आगे -राहों के चुनाव नतीजों के बाद जो समीकरण उभर कर सामने आए हैं, उनसे साफ है कि इस बार कौंसिल की सत्ता पर कांग्रेस पार्टी द्वारा समर्थित पार्षद ही काबिज होंगे। कांग्रेस से समर्थित 7 पार्षद जीते हैं। जिसके बाद प्रधान पद के लिए जहां कांग्रेसी नेता अमरजीत सिंह बिट्टा बड़े दावेदार माने जा रहे हैं, वहीं पर राहों में चोपड़ा परिवार की पुत्रवधू शीतल चोपड़ा की भी दावेदारी प्रधान पद के लिए मानी जा रही है। हालांकि कहा जा रहा है कि स्थानीय नेताओं द्वारा प्रधान पद का फैसला हाईकमान पर ही छोड़ने की बात कही जा रही है।
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