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किसानों की मांगों को लेकर जिले के विभिन्न स्थानों पर विभिन्न किसान संगठनों ने धरने प्रदर्शन किए। किसानों ने आह्वान किया कि वे लंबे संघर्ष के लिए तैयार हैं। जिसके तहत जिले में पड़ते तीन टोल नाके बहराम, बछुआं और मजारी पर किसानों द्वारा धरना दिया गया। जबकि खटकड़कलां में भी किसानों द्वार इकट्ठ किया गया। इसके अलावा किसानों ने जिला मुख्यालय में लंगड़ोया बाईपास और अंबेडकर चौक पर धरना दिया।
इस दौरान 12 से 3 बजे तक तक ट्रैफिक पूरी तरह बाधित रहा। जिले का बड़ा धरना लंगड़ोया बाईपास पर रहा। इसमें किरती किसान यूनियन व संयुक्त मोर्चे ने धरना लगाया। साढ़े 11 बजते-बजते पंडाल में किसानों की भीड़ बढ़ी और मंच से भी भाषणों का दौर शुरू हो गया।
इस मौके पर नेता भूपिंदर सिंह वड़ैच, कुलविंदर सिंह वड़ैच, तरसेम सिंह बैंस, एडवोकेट दलजीत सिंह, बीबी गुरबख्श कौर संघा, जसबीर सिंह दीप, दिलदार सिंह, जसवीर कौर सोना, मक्खण सिंह, जरनैल सिंह खालसा, राज कुमार माहल खुर्द ने संबधित किया। यहां लगाए गए जाम में किसानों, महिलाओं, मजदूरों, विद्यार्थियों, नौजवानों, ट्रांसपोर्टरों, धार्मिक व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
नेताओं ने मंच से भरा किसानों में जोश
धरने को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में मोदी सरकार ने अपने खुफिया तंत्र, आरएसएस के कर्मियों, सरकार के हत्थे चढ़े किसान संघर्ष के गद्दारों के जरिए किसान संघर्ष को खराब किया। मगर लोगों ने सभी सरकारी साजिशों को दरकिनार करके इस संघर्ष में नई रूह फूंक दी है।
यह संघर्ष अब दिल्ली की हुकूमत और देश वासियों के दरम्यान का संघर्ष बन चुका है। यही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी किसानों के संघर्ष की सराहना की जा रही है। किसान नेताओं ने आह्वान किया कि संयुक्त मोर्चा दिल्ली के दिशा निर्देशों के अनुसार सरगर्मियां करें, क्योंकि संगठन ही संघर्ष को जीत तक पहुंचा सकते हैं।
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