कोरोना से बच्चों को बचाने के लिए सरकार जल्द ही पंजाब समेत देश के सात राज्यों में वैक्सीनेशन शुरू करने का दावा कर रही है। केंद्र स्तर की बैठक में पहले चरण के वैक्सीनेशन के राज्यों का चयन किया है। वहीं इन राज्यों के स्वास्थ्य विभाग को अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी ही नहीं दी गई है।
वहीं जो वैक्सीन बच्चों को लगाई जानी है, उसे अभी तक देशी के सर्वोच्च वैज्ञानिक निकाय राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह टीकाकरण (National Technical Advisory Group on Immunization) से मंजूरी ही नहीं मिली है। केंद्र सरकार ने बच्चों के टीकाकरण के लिए पंजाब, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल का चयन किया है। सरकार ने कोरोना से बचाव के लिए बच्चों को लगने वाली वैक्सीन जायकोव-डी की 1 करोड़ खुराक का ऑर्डर दे दिया है। वैक्सीन की पहली खेप दिसंबर के पहले-दूसरे हफ्ते के बीच आ जाने की उम्मीद है।
अक्टूबर महीने में मांगी थी ड्रग कंट्रोलर ने मंजूरी
ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने अक्टूबर महीने में बच्चों की वैक्सीनेशन की मंजूरी के लिए राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह टीकाकरण (NTAGI) को पत्र लिखा था। करीब दो महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक NTAGI कोई फैसला नहीं कर पाया है। ड्रग कंट्रोलर ने जिन वैक्सीन की मंजूरी बच्चों को लगाने के लिए मांगी थी, उनमें भारत बायोटेक की कोवैक्सीन भी शामिल है। अभी तक किसी वैक्सीन पर कोई फैसला नहीं हो पाया है। इस तरह से बच्चों के वैक्सीनेशन को मंजूरी मिलने में सर्वोच्च वैज्ञानिक निकाय के स्तर से ही देरी हो रही है। उससे अब जायकोव-डी के राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान का हिस्सा बनाने की संभावनाएं क्षीण होती जा रही हैं।
जायडस कैडिला बनाती है बच्चों की वैक्सीन
जायडस कैडिला भारत की एकमात्र ऐसी कंपनी है जो बच्चों को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन का निर्माण कर रही है। ड्रग कंट्रोलर ने कोवैक्सीवन की डोज बच्चों को दिए जाने की सिफारिश की है, अभी तक इसे मंजूरी नहीं मिली है। बेशक बच्चों के टीकाकरण के लिए भारत सरकार ने जायडस कैडिला को जायडस-डी वैक्सीन की एक करोड़ डोज का आर्डर दिया है, लेकिन वैज्ञानिक समूह की सहमति अभी तक इस पर नहीं बन पाई है। एक विशेष एप्लीकेटर के माध्यम से डोज देने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
अभी तक हमारे पास अधिकारिक जानकारी नहीं
पंजाब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें भी इधर-उधर से ही पता चल रहा है कि बच्चों के टीकाकरण के लिए जिन राज्य का चयन हुआ है उन लिस्ट में प्रदेश का नाम भी है। इसकी अभी तक उनके पास कोई अधिकारिक जानकारी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग में वैक्सीनेशन ड्राइव देखने वालीं डायरेक्टर डॉ. बलविन्दर कौर ने बताया कि अभी तक बच्चों के लगने वाली वैक्सीन को मंजूरी नहीं मिली है। 7 राज्यों, जिनमें पंजाब भी शामिल है, में बच्चों की वैक्सीनेशन का पायलट प्रोजेक्ट चलेगा। इसकी भी अभी तक उनके पास कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। 18 से साल से ऊपर वालों को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगाने का काम लगातार जारी है।
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