मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व पार्टी प्रधान नवजोत सिद्धू के बीच 'पावर गेम' से पंजाब में कांग्रेस सरकार का संकट बढ़ गया है। अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि अगले विधानसभा सेशन में उनकी पार्टी कैप्टन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। सुखबीर ने कैप्टन को ट्वीट करके चैलेंज दिया कि वे 'नो कॉन्फिडेंस मोशन' का सामना करने के लिए तैयार रहें।
इससे पहले पंजाब विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी राज्यपाल से मुलाकात करके कैप्टन सरकार का फ्लोर टेस्ट कराने को कहा। गवर्नर से मिलने के बाद विपक्ष के नेता हरपाल चीमा ने कहा कि कांग्रेस के भीतर विधायक कैप्टन व नवजोत सिद्धू खेमे में बंट गए हैं। सिद्धू ग्रुप 30 विधायकों के साथ होने का दावा कर रहा है, जबकि कैप्टन ने डिनर के जरिए 58 विधायकों के समर्थन का दावा किया। वहीं, 3 मंत्री कैबिनेट मीटिंग में शामिल नहीं हुए। ऐसे में साफ है कि कैप्टन सरकार अल्पमत में है। उन्होंने राज्यपाल से मांग की है कि विधानसभा सेशन बुलाकर कैप्टन को बहुमत साबित करने को कहा जाए।
सुखबीर के तीखे सवाल- मंत्री भ्रष्टाचारी नहीं तो सवाल से क्यों भाग रहे?
सुखबीर बादल ने कैप्टन को किए ट्वीट में कहा कि वह सिर्फ एक दिन का विधानसभा सेशन रखकर पंजाब के लोगों से धोखा कर रहे हैं। इसके जरिए सिर्फ संवैधानिक जरूरतें पूरी की जा रही हैं। अगर कैप्टन सरकार के मंत्री भ्रष्टाचारी नहीं हैं तो वे लोगों के सवालों से क्यों भाग रहे हैं।
हाईकमान के नेतृत्व की हरी झंडी के बाद मैदान में कैप्टन
कांग्रेस हाईकमान की ओर से विस चुनाव 2022 की अगुवाई करने की हरी झंडी मिलने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह मैदान में आ गए हैं। कांग्रेस के पंजाब इंचार्ज हरीश रावत ने बागी ग्रुप से बैठक के बाद कहा था कि अगले चुनाव में अमरिंदर ही कांग्रेस के कैप्टन होंगे। कैप्टन ने बगावत पर तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन अपना ग्रुप मजबूत करने में जुटे हैं। पहले खेल मंत्री राणा सोढ़ी के घर सियासी डिनर रख विधायकों व सांसदों से मुलाकात की। फिर अपनी कट्टर विरोधी रहीं राजिंदर कौर भट्ठल से भी मुलाकात की।
सलाहकार के पद छोड़ने के बाद सीधी धमकी से घिरे सिद्धू
नवजोत सिद्धू के सलाहकार मालविंदर माली की विवादित टिप्पणी के बाद अब हाईकमान को सीधी धमकी देकर घिर गए हैं। तालिबान, कश्मीर पर विवादित बयान देने के साथ पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का आपत्तिजनक स्केच शेयर करने वाले माली इस्तीफा दे चुके हैं। सिद्धू धड़े के मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा, सुखजिंदर रंधावा व सुख सरकारिया की बगावत को कांग्रेस हाईकमान ने नकार दिया। अब अमृतसर में हाईकमान के फैसले लेने की छूट न देने पर ईंट से ईंट खड़काने के बयान से सिद्धू घिरे हुए हैं।
पंजाब इंचार्ज हरीश रावत ने तो सिद्धू के इस बयान को तरजीह तक नहीं दी। रावत ने कहा कि सिद्धू के ऐसे बयान पर तो रोज ही मीडिया के सामने खड़ा रहना पड़ेगा। वहीं, कांग्रेस के महासचिव प्रगट सिंह जरूर सिद्धू के बचाव में आए और उन्होंने कहा कि उनका बयान सही ढंग से पेश नहीं किया गया।
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