जालंधर में दौरे के दौरान आज आम आदमी पार्टी के प्रधान एवं मुख्यमंत्री का चेहरा भगवंत मान ने कहा कि पार्टी ने चुनाव में अब अपना नारा बदल लिया है। पहले था अबकी बार केजरीवाल लेकिन अब पंजाब में लोग पंजे और तकड़ी से कई बार धोखा खा चुके हैं। वह पंजाब में बदलाव चाहते हैं। इसलिए पार्टी ने लोगों की भावनाओं को मद्देनजर रखते हुए नया नारा इस बार लोग नहीं खाएंगे धोखा, भगवंत मान और केजरीवाल को देंगे मौका दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की भी भ्रष्टाचार को लेकर जमकर आलोचना की।
भगवंत मान ने कहा कि ईडी ने पंजाब में दस करोड़ रूपया मुख्यमंत्री चन्नी के रिश्तेदारों से पकड़ा। लेकिन चन्नी कह रहे हैं कि मेरे पास नहीं पकड़ा मेरे रिश्तेदार के पास पकड़ा। उन्होंने कहा कि ऐसे कोई हमारे भतीजे-भांजे को दस करोड़ क्यों नहीं दे जाता। दरअसल चन्नी माफिया के साथ मिले हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब कैप्टन के समय में रेत माफिया को लेकर शोर शराबा हुआ था को सोनिया गांधी ने कैप्टन से पूछा था। कैप्टन कहा था कि क्या करूं यहां पर मंत्री से लेकर विधायक ऐसे चालीस लोग हैं जो माफिया से मिले हुए हैं किस-किस पर कार्रवाई करूं। भगवंत मान ने चुटकी लेते हुए कहा कि यहां चालीस नहीं अली बाबा खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह थे और उनके साथ 44 चोर थे।
कांग्रेस में डबल इंजन पर दोनों की दिखा अलग-अलग
भगवंत मान ने कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस में वैसे तो काग्रेस में बहुत सारे इंजन हैं लेकिन मुख्य तौर दो इंजन ज्यादा चर्चित हैं। कांग्रेस के यह दोनों इंजन एक ही दिशा में भागने की बजाए अलग-अलग दिशा में भागते हैं। जिस पार्टी ,के इंजनों की दिशा ही अलग-अलग है वह प्रदेश में विकास कैसे करवा पाएंगे। उन्होनें कहा कि सही मायने में आम आदमी पार्टी डबल इंजन है। उन्होंने कहा कि मेरा औरे केजरीवाल का बड़े औऱ छोटे भाई जैसा रिश्ता है। हम दोनों भाईयों की तरह रहते हैं। वैसे भी जिस घर में भाई मिलकर रहते हैं वही परिवार तरक्की करता है।
मुस्तफा के बयान की निंदा की
आम आदमी पार्टी के प्रधान भगवंत मान ने प्रदेश कांग्रेस प्रधान के चीफ एडवाइजर पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा की उनके बयान के लिए कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि मुस्तफा ने अपने बयान में बांटने की को कोशिश की है। उनके बयान घटिया और नफरत फैलाने वाला है। अब जब उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो गई है तो कह रहे हैं कि उन्होंने अपने ही समुदाय के कुछ विरोधियों के बारे में कहा था। भगवंत मान ने कहा कि मुस्तफा कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू के एडवाइजर नहीं बल्कि चीफ एडवाइजर हैं। उन्हें मुस्तफा के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
नफरत की राजनीति करती है भाजपा सरकार
आम आदमी पार्टी के प्रधान ने अमर ज्योति को शांत किए जाने पर कहा कि भाजपा सरकार नफरत की राजनीति करती है। जब भी देश में कहीं चुनाव होता है तो उससे पहले वह ऐसा कारनामें करते हैं। उन्होंने राहत इंदौरी के शब्द सरहद पर तनाव है, क्या देश में चुनाव है सुनाते हुए कहा कि जब भी चुनाव आते हैं तो भाजपा की केंद्र सरकार एसा तनाव पैदा करती है। उन्होंने चुनाव का आसपास केंद्र सरकार पर आरोप जड़ा कि वह भाई-चारक सांझ को तोड़ने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि जो देश का शहीद है वह अमर है उसकी ज्योति लोगों के मनों से हट नहीं सकती।
जीते तो तालियां भी कप्तान की, हारे तो गालियां भी कप्तान की
भगवंत मान ने कहा कि वह धूरी से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन धूरी को वह सेफ सीट नहीं मानते। रेस तभी जीती जाती है जब कोई रिबन को छू लेता है। उन्होंने कहा कि पंजाब में चुनाव उनके चेहरे को आगे रखकर लड़ा जा रहा है। वह कप्तान की भूमिका में है। जीते तो तालियां भी उनके लिए होंगी और हारे तो गालियां खाने के लिए भी कप्तान ही होगा। यदि किसी सीट से हारते हैं तो उसकी कमजोरी भी उन्हीं की होगी। उन्होंने भरोसा दिलाया एक बार मौका दो सभी शिकायतें दूर कर देंगे।
जालंधर में हुआ था टिकटों का विरोध
आम आदमी पार्टी की टिकटों को लेकर जालंधर में खूब विरोध हुआ था। आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी राघव चड्ढा को कार्यकर्ताओं का विरोध झेलना पड़ा था। पंजाब प्रेस क्लब के अंदर राघव चड्ढा की कॉन्फ्रेंस चल रही थी तो बाहर टिकटों को लेकर कार्यकर्ता आपस में भिड़ रहे थे। कार्यकताओं ने राघव चड्ढा के मुंह पर ही आरोप जड़े थे कि जालंधर में पार्टी ने टिकट दिए नहीं हैं, बल्कि बेचे हैं। जिन लोगों ने एक या दो दिन पहली पार्टी जॉइन की थी, उन्हें टिकट दे दिया गया। जबकि सालों से यहां पार्टी का काम कर रहे लोगों को सिरे से नकार दिय़ा गया।
कार्यकर्ताओं की आपस में खूब धक्का-मुक्की हुई और लात घूंसे चले थे। इसके बाद सेंट्रल हलके से पार्टी के कार्यकर्ता ढींडसा समेत अकाली दल में जा घुसे। जबकि वेस्ट विधानसभा क्षेत्र में पिछले कल ही टिकट का विरोध करने कारण पार्टी से बर्खास्त किए गए डॉक्टर शिव दयाल माली व उनके समर्थकों ने भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देने की घोषणा की है। आम आदमी पार्टी से बागी हुए डॉक्टर माली, हालांकि भाजपा में शामिल तो नहीं हुए हैं, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि जब उन्होंने भाजपा को समर्थन दे ही दिया है तो अब वह भगवा भी थाम सकते हैं।
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