पनबस, पीआरटीसी व पंजाब रोडवेज के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों ने गुरुवार को 4 घंटे बस स्टैंड बंद रख रोष प्रदर्शन किया। सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक बस स्टैंड बंद रहा। जालंधर के अलावा पूरे पंजाब के बस स्टैंडों पर यही स्थिति रही। इस दौरान न कोई बस अंदर जा सकी और न ही बाहर आ सकी। प्राइवेट बसों ने बस स्टैंड के बाहर से सवारियों को बिठाया। इसके अलावा सरकारी बसों का चक्का जाम फिलहाल आगे भी जारी रहेगा।
सरकार से बातचीत फेल होने के बाद कर्मचारी कल यानी शुक्रवार को सिसवां फार्म हाउस जाकर CM कैप्टन अमरिंदर सिंह का घेराव करेंगे। कर्मचारियों ने नेशनल हाईवे जाम करने की भी चेतावनी दी है, लेकिन इसके लिए अभी वक्त तय नहीं किया गया है। जल्दी हल न निकला तो कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के संघर्ष से आम जनता की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन जालंधर के प्रधान गुरप्रीत सिंह ने कहा कि सरकार हर बार बातचीत करके मुकर जाती है। इसलिए जब तक मांगें नहीं मानी जाती, तब तक सरकारी बसों का चक्का जाम जारी रहेगा। सरकार हर बार बहानेबाजी कर हड़ताल खुलवा लेती है। इसके बाद मांगें फिर लटक जाती हैं। इस बार चक्का जाम अनिश्चितकालीन रहेगा।
सरकार की शर्त से बिफरे कर्मचारी
अभी तक कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी डिपो के बाहर ही प्रदर्शन कर रहे थे। बुधवार को CM के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार के साथ यूनियन की बैठक हुई। वहां शर्त रख दी गई कि अगर वे हड़ताल खोलेंगे तो ही मुख्यमंत्री उनसे बातचीत करेंगे, जिससे कर्मचारी बिफर गए। उन्होंने दो घंटे बस स्टैंड बंद करने का ऐलान कर दिया। सिसवां फार्म हाउस के घेराव का फैसला भी कर दिया। गुरुवार को सरकार के रुख पर फिर सबकी नजर रहेगी।
8 हजार कर्मचारी हड़ताल पर, 2 हजार बसों के पहिए थमे
इस वक्त पंजाब रोडवेज, पनबस व पीआरटीसी के करीब 8 हजार कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी हड़ताल पर हैं। जिससे 2 हजार बसें पंजाब में रोडवेज के 18 व पीआरटीसी के 9 डिपो में खड़ी हैं। करीब ढ़ाई हजार में से 2 हजार बसों के पहिए थमे हुए हैं। कुछ बसें पक्के ड्राइवर-कंडक्टर के जरिए जरूर चलाई जा रही हैं।
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