पंजाब सरकार के नियुक्त नए स्पेशल प्रोसिक्यूटर एडवोकेट आरएस बैंस की नियुक्ति पर विवाद हो गया है। बेअदबी केसों की जांच करने वाली पूर्व SIT के मेंबर कुंवर विजय प्रताप ने उनके कामकाज पर सवाल उठाए हैं। कुंवर विजय प्रताप IG पद से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह एडवोकेट पहले भी एक पीड़ित के केस में वकील थे। उन्होंने उसकी ढंग से पैरवी नहीं की। इसलिए उनकी नियुक्ति सिर्फ आई वॉश है।
कुंवर विजय प्रताप ने कहा कि पंजाब और पंजाबियों के साथ कांग्रेस एक और बड़ा धोखा कर रही है। कोटकपूरा-बहबल कलां केसों में विशेष सरकारी वकील की नियुक्ति से आंखों में धूल झोंकी जा रही है। नए स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर कोटकपूरा गोलीकांड में प्रमुख पीड़ित अजीत सिंह का केस लड़ रहे थे, जिसे 9 अप्रैल 2021 को रद्द कर दिया गया। उन्होंने कभी भी पीड़ितों के बचाव के लिए अदालत के सामने कोई दलील नहीं दी। इसे कोई भी रिकॉर्ड में जाकर देख सकता है।
एडवोकेट जनरल पर भी उठाए सवाल
कुंवर विजय प्रताप ने पंजाब के नए एडवोकेट जनरल (AG) एपीएस देयोल पर भी सवाल उठाए। नवजोत सिद्धू इन्हें हटाने की मांग कर रहे थे। देयोल एक गोलीकांड केस में पूर्व DGP सुमेध सिंह सैनी और IG परमराज उमरानंगल के वकील रह चुके हैं। उन्होंने दोनों को उस केस में ब्लैंकेट बेल दिलाई थी। कुंवर ने भी कहा कि एडवोकेट जनरल को बनाए रखने से मौजूदा पंजाब सरकार का इरादा स्पष्ट जाहिर होता है।
रिपोर्ट खारिज होने से नाराज हुए थे कुंवर, दे दिया इस्तीफा
कुंवर विजय प्रताप IPS अफसर रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के वक्त बनी विशेष जांच टीम (SIT) के मेंबर रहे हैं। उन्होंने बेअदबी और गोलीकांड से जुड़े केसों की जांच करके हाईकोर्ट में चालान पेश किया। हालांकि इसमें सरकार की बनाई SIT के सदस्य शामिल नहीं थे, जिस वजह से हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद नाराज कुंवर ने इस्तीफा दे दिया। फिर वे आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। अब उन्होंने फिर से हाईकोर्ट में केस को लेकर याचिका दायर की है।
जल्द इंसाफ की कोशिश करेंगे : एडवोकेट आरएस बैंस
नए स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर एडवोकेट आरएस बैंस ने कहा कि हम ईमानदारी से कोशिश करेंगे कि बेअदबी और गोलीकांड केसों में लोगों को जल्द इंसाफ दिलाया जा सके। इन मामलों में तेजी से गवाही कराई जाएगी। यह मामले उलझे हुए हैं। इन्हें सही करके कोर्ट में पेश किया जाएगा। मामला पहले से ही कोर्ट में है, इसलिए हम सही ढंग से पैरवी करेंगे। बाकी कोर्ट में सुनवाई पर निर्भर होगा।
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