पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के हटने के बाद नई सरकार में डिप्टी सीएम बनने के बाद ओपी सोनी मंगलवार को पहली जालंधर पहुंचे। यहां धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात की। हालांकि इस दौरान सीएम चरणजीत चन्नी के सरकारी बिल जलाने से लेकर बेअदबी मामले में इंसाफ पर वो कोई ठोस जवाब नहीं दे सके। आखिर में सोनी कॉन्फ्रेंस से उठकर निकल गए। ओपी सोनी पंजाब सरकार की तरफ जालंधर का इंचार्ज भी बनाया गया है।
माफी के बाद बिजली बिल कागज के टुकड़े
सोनी से पूछा गया कि सरकारी डॉक्यूमेंट जलाना गैरकानूनी है तो फिर CM चरणजीत चन्नी ने बिजली बिल क्यों जलाए? क्या उन पर कानून के अनुसार कार्रवाई होगी। इस पर सोनी ने कहा कि वह बिल तो सरकार ने माफ कर दिए, अब वह कागज के टुकड़े हैं। उनसे फिर पूछा गया कि सरकारी रिकॉर्ड में तो वो बिल ही हैं। इस पर वह कोई जवाब नहीं दे सके।
खजाना भरा है, कर्जा सभी सरकारें लेती हैं
सोनी से पूछा गया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम रहते वित्त मंत्री मनप्रीत बादल कहते थे कि खजाना खाली है। अब अचानक से करोड़ों के बिजली और सीवरेज-पानी बिल कैसे माफ कर रहे?। इस पर सोनी ने कहा कि खजाना की स्थिति ठीक है। कर्जे के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सभी सरकारों पर कर्जा है। हम तय समय पर रकम वापस मोड़ रहे हैं तो फिर चिंता की कोई बात नहीं।
मेनिफेस्टो को लीगल डॉक्यूमेंट पर जवाब नहीं
डिप्टी सीएम सोनी से पूछा गया कि क्या वो चुनाव मेनिफेस्टो को लीगल डॉक्यूमेंट बनाने के पक्ष में हैं। इस पर सोनी ने कहा कि मेनिफेस्टो पार्टियां बनाती हैं, न कि कोई सरकार। इसलिए इसे कानूनी नहीं मान सकते। उनकी सोच पूछी गई तो वो बिना कुछ कहे हंसते हुए सवाल टाल गए।
बेअदबी पर कानून अनुसार कार्रवाई
सोनी से पूछा गया कि कैप्टन अमरिंदर को हटाने का सबसे बड़ा मुद्दा श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी और उससे जुड़े गोलीकांड में इंसाफ की मांग है। सीएम बदलने के बाद भी इंसाफ क्यों नहीं मिला? इस पर सोनी ने कहा कि इस मामले में सरकार कानून अनुसार कार्रवाई कर रही है। उनसे पूछा गया कि पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह भी यही कहते थे तो वो कोई ठोस जवाब नहीं दे सके।
सिद्धू पर जवाब देने से बचे
डिप्टी सीएम ओपी सोनी से पूछा गया कि क्या नवजोत सिद्धू अब भी सीएम चरणजीत चन्नी से नाराज हैं, क्योंकि उनके बताए मुद्दे हल नहीं हुए। इस पर सोनी ने कहा करीब 85% मुद्दे हल हो चुके हैं। जो बच गए हैं, उन्हें भी जल्दी हल कर लिया जाएगा। उन्होंने सिद्धू की नाराजगी को लेकर कोई जवाब नहीं दिया।
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