पर्यावरण के प्रति संजीदगी दिखाते हुए जालंधर जिला प्रशासन ने खेतों में आग लगाकर वातावरण को प्रदूषित करने वाले किसानों पर शिकंजा कस दिया है। जिला प्रशासन ने सैटेलाइट के माध्यम से रिमोट सेसिंग सिस्टम पर मिले इनपुट के आधार पर 54 किसानों को 135000 रुपए जुर्माना लगाया।
पंजाब में खेतों में गेहूं के अवशेष जलाने पर कार्रवाई को लेकर जालंधर प्रथम स्थान पर है। यहां सबसे ज्यादा और त्वरित कार्रवाई हुई हैं। जालंधर में गेहूं के अवशेष जलाने के सबसे ज्यादा मामले उपमंडल फिल्लौर में सामने आए। फिल्लौर में प्रशासन की टीम ने खेतों में आग लगाने पर 30 चालान काटे। इन 30 चालानों के माध्यम से 75,000 रुपए का जुर्माना लगाया है।
अवशेषों को जलाने के मामले में उपमंडल शाहकोट दूसरे स्थान पर रहा है। उपमंडल शाहकोट में राजस्व अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर 18 मामले दर्ज किए गए। इन मामलों में 45000 का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा उपमंडल नकोदर में 2 मामलों में 5000, जालंधर-1 के 4 मामलों में 10000 रुपए जुर्माना वातावरण को नुकसान पहुंचाने का लगाया गया है।
खेतों में आग को लेकर जालंधर 17वें स्थान पर
राज्य में गेहूं की फसल निकालने के बाद खेतों में नाड़ को जलाने की अब तक 8271 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इनमें से 172 मामले जालंधर में रिपोर्ट किए गए हैं। जालंधर खेतों में आग लगाने की घटनाओं के मामले में राज्यभर में 17वें स्थान पर है। जिला प्रशासन की टीम ने रिमोट सेंसिंग सिस्टम से आई 172 रिपोर्टों में से 144 मामलों की खेतों में जाकर पड़ताल की है।
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