बॉलीवुड के मशहूर गायक उदित नारायण सरकारी फंडों की हेराफेरी के मामले में जालंधर की कोर्ट में पेश हुए हैं। साल 2011 में नवांशहर में करवाए शहीद-ए-आजम भगत सिंह जन्म शताब्दी समारोह के दौरान सरकारी फंडों में हेराफेरी का मामला सामने आया था। जिसमें तत्कालीन डिविजनल कमिश्नर स्वर्ण सिंह, जेएस एंटरप्राइजेज के मालिक विकास मेहरा निवासी फरीदाबाद, संजय निवासी फरीदाबाद और सतवीर सिंह बाजवा निवासी चंडीगढ़ को नामजद किया गया था। इस मामले में गवाही के लिए उदित नारायण जालंधर में जिला व सेशन जज रुपिंदरजीत चहल की अदालत में पेश हुए।
इस बारे में सीनियर एडवोकेट संजीव बंसल ने बताया कि उदित नारायण की इसी केस में गवाही थी। उदित नारायण ने अदालत को बताया कि उन्हें इस समागम में बुलाने के लिए एक लाख रुपए तय हुए थे। इतनी ही रकम का चेक भी उन्हें दिया गया था। इसके अलावा 12 लाख रुपए उनकी टीम को दिए गए थे। उन्होंने अदालत में पेश इस तथ्य की पुष्टि की। यह केस विजिलेंस ब्यूरो के तत्कालीन SSP सुरजीत सिंह ग्रेवाल की शिकायत पर दर्ज हुआ था।
पद का लाभ लेते हुए सरकारी फंड के गलत इस्तेमाल का आरोप
एडवोकेट संजीव बंसल ने बताया कि समारोह में स्वर्ण सिंह ने अपने पद का लाभ लेते हुए सरकारी फंड का गलत इस्तेमाल किया था। इस सरकारी समागम में करीब 3 करोड़ 15 लाख रुपए की हेराफेरी की गई थी। जिसके बाद इन सभी पर केस दर्ज हुआ था। इस समागम के लिए स्वर्ण सिंह ने बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने के लिए दूसरे कलाकारों को भी बुलाया था। उन्हें रकम कम दी गई लेकिन कागजों में से ज्यादा दिखाकर घपला किया गया। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी गायकों व कलाकारों की गवाही दर्ज की जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 29 सितंबर को होगी।
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