जिले में सभी ब्लॉकों में शुक्रवार रात बारिश हुई है। जालंधर में 13.0 मिलीमीटर बारिश रही है। जहां पूरी रात बारिश जारी थी तो दिन में दोपहर तक रुक-रुक कर बूंदाबांदी होती रही। इससे जालंधर में दोबारा लोग गर्म कपड़े पहनकर घर से निकले। सारा दिन जालंधर में ठंडी हवाएं चलती रहीं, जिससे ठिठुरन का माहौल बना रहा। जहां रात में 15.5 डिग्री टेंपरेचर रहा तो दिन में ये 22.9 डिग्री रिकॉर्ड हुअा। चंडीगढ़ मौसम केंद्र के अनुसार अब जालंधर में अगले 3 दिन टेंपरेचर में गिरावट जारी रहेगी, जबकि सामान्य गति से हवाएं जारी रहेंगी। फिलहाल बादल सक्रिय रहेंगे।
जिन इलाकों में गेहूं बिछा, वहां अब किसान हाथों से काटेंगे
इस बारिश से गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। जिले के सभी ब्लॉकों में फसल जमीन पर बिछ गई है, लेकिन टेंपरेचर में गिरावट गेहूं की बालियों को अति गर्मी के कारण दाने सूखने से बचाएगी। पहले जालंधर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 170 से ऊपर चल रहा था, जोकि बारिश के बाद घटकर 77 पर आ गया है। बारिश से प्रदूषण धुल गया है। जालंधर में देर रात बारिश शुरू हुई थी। तड़के बारिश ने स्पीड पकड़ी। इसी कारण माहौल बदला है। फिर से ठंड का अहसास हुआ है। जालंधर में शाम 7 बजे सिर्फ 19 डिग्री टेंपरेचर रिकॉर्ड हुआ।
जबकि इससे पहले 22 पर होता था। जालंधर में रात को भी टेंपरेचर गिरावट में रहा। उधर, हाइवे से सटे करतारपुर, भोगपुर, परागपुर सहित तमाम इलाकों में आंधी के कारण गेहूं की फसल बिछ गई है। किसानों ने कहा कि जो फसल अब जमीन पर बिछी है, उसे हाथ से काटना पड़ेगा। गनीमत रही है कि फिलहाल गेहूं का तना नरम होता है, जिस कारण पौध टूटती नहीं है। फिलहाल गेहूं को जो दाने पड़े, गर्मी से उनके सूखने की चिंता थी। इन्हें बचाने को खेतों को लगातार पानी की सिंचाई कर रहे थे। अब बारिश से टेंपरेचर में जो गिरावट आई है, उससे गेहूं का दाने सूखने का डर खत्म हुआ है। दूसरी तरफ बिजली निगम ने भी राहत की सांस ली है। बिजली लोड 1000 मेगावाट घटी है। पहले जो बिजली केंद्रीय पूल से खरीदनी पड़ती थी, उससे राहत मिली है।
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