रोडवेज पनबस-पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन और पंजाब सरकार के बीच विरोध की स्थिति पैदा हो सकती है। सरकार की तरफ से ट्रांसपोर्ट विभाग में मुलाजिमों की कमी को पूरा करने के लिए आउटसोर्स पर भर्ती की जा रही है। इसे लेकर यूनियनों ने रोष जताना शुरू कर दिया है। यूनियन के सूबा प्रधान रेशम सिंह गिल, जनरल सेक्रेटरी शमशेर सिंह ने कहा कि चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री आउटसोर्स की जगह सीधी भर्ती का दावा करते रहे। अब वह वादे से मुकर रहे हैं।
लंबे समय से छोटी-छोटी गलतियों से पीआरटीसी और पनबस से कच्चे मुलाजिमों को बाहर किया जाता रहा है, फिर से आउटसोर्स में 1337 मुलाजिमों को भर्ती करने की मंजूरी दे दी गई। गिल ने कहा कि महिलाओं के फ्री सफर ने पहले ही ट्रांसपोर्ट विभाग को कंगाली की हालत में पहुंचा दिया है। पंप मालिक बसों को डीजल नहीं दे रहे जिसका नतीजा है कि बसें डिपो में खड़ी हो चुकी हैं। वह ट्रांसपोर्ट मंत्री लालजीत भुल्लर को ज्ञापन देकर मिलने का समय मांग चुके है लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा। लगातार विभाग को फायदे में लाने के लिए सरकार को मीटिंग के लिए कह रहे है, पर सरकार की नीतियां ट्रांसपोर्ट विभाग को खत्म करने पर लगी है। उनकी मुख्य मांगों में पुराना बकाया जारी, पीआरटीसी मुलाजिमों की सैलरी खजाने से, कच्चे मुलाजिमों को पक्का, टाइम टेबल शिफ्ट अनुसार रोडवेज और पीआरटीसी के हक में बनाया जाए। अगर जल्द मांगों को लागू नहीं किया तो तीखा संघर्ष किया जाएगा। यहां मीत प्रधान बलजीत सिंह, हरकेश कुमार विक्की, जॉइंट सेक्रेटरी जगतार सिंह, मीत प्रधान सतविंदर सिंह सैनी मौजूद थे।
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