पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश रावत की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात खत्म हो गई है। बैठक में हरीश रावत ने पंजाब में नवजोत सिद्धू के कांग्रेस प्रधान बनने से लेकर कैप्टन के खिलाफ बगावत के बारे में सोनिया को जानकारी दी। इसके अलावा बागी मंत्रियों की तरफ से पंजाब में सरकार व पार्टी को लेकर उठाए सवालों से जुड़ी रिपोर्ट भी उन्हें दे दी है। बाहर आकर हरीश रावत ने कहा कि मैंने पूरे हालात पर रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंप दी है। पंजाब के बारे में जो भी फैसला होगा, वो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी।
खास बात यह है कि हरीश रावत प्रमुख मुद्दों पर पहले ही कांग्रेस हाईकमान का रुख स्पष्ट कर चुके हैं। बगावत का वे जवाब दे चुके हैं कि विधानसभा चुनाव 2022 कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में लड़े जाएंगे। वहीं, सिद्धू के मामले में रावत यहां तक कह चुके कि उन्हें सिर्फ प्रधान बनाया है, पूरी कांग्रेस नहीं सौंपी। ऐसे में माना जा रहा है कि रावत की मुलाकात के बाद अब नवजोत सिद्धू के लिए हाईकमान का सीधा कोई मैसेज आ सकता है।
अब तक सिद्धू पर भारी पड़े कैप्टन
नवजोत सिद्धू पर कैप्टन अमरिंदर सिंह अभी तक भारी पड़े हैं। अमरिंदर की सांसद पत्नी परनीत कौर ने सिद्धू पर बगावत के आरोप लगाए। इस पर कैप्टन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि, गुरुवार देर रात खेल मंत्री राणा सोढ़ी के घर डिनर पर 58 विधायक, 8 सांसद और पिछला विधानसभा चुनाव हारे 30 नेताओं को इकट्ठा करके सियासी ताकत दिखा दी गई है।
खास बात यह है कि इसमें नवजोत सिंह सिद्धू या उनके खेमे के मंत्रियों और विधायकों को नहीं बुलाया गया। बगावत के बहाने कैप्टन इस लिहाज से भी मजबूत होकर उभरे हैं कि अगले विस चुनाव की अगुवाई को लेकर सिद्धू और कैप्टन के बीच का संशय भी खत्म हो गया।
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