एक तरफ सरकारी सेहत केंद्रों में कोरोना वैक्सीन के लिए मारामारी है तो वहीं सड़क पर घूमते भिखारियों को 'VIP ट्रीटमेंट' मिलेगा। सेहत विभाग उन्हें ढूंढेगा और खुद रजिस्ट्रेशन करेगा। इसके बाद उन्हें कोविड वैक्सीन का टीका भी लगाएगा। कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य को यह निर्देश भेजे हैं। जिसके बाद राज्य के स्वास्थ्य निदेशक ने सिविल सर्जन को पत्र भेजकर इसे लागू करने को कहा है। सिविल सर्जन डॉ. बलवंत सिंह ने कहा कि पिंगलाघर, दिव्यांग आश्रम व कुष्ठ आश्रम में कैंप लगाकर वैक्सीनेशन की शुरुआत कर दी गई है।
बिन आधार कार्ड लगेगा टीका, NGO की लें मदद
NGO की मदद लेकर सेहत विभाग सड़क पर घूमते भिखारियों की तलाश करेगा। फिर उनका रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। दूसरे लोगों के लिए कोविड वैक्सीन लगानी हो तो आधार कार्ड जरूरी है। भिखारियों के लिए यह बंदिश नहीं है। आधार कार्ड या अन्य आइडेंटिटी कार्ड न होने पर भी उन्हें कोविड का टीका लगेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि बेसहारा, बेघर व भिखारियों को वैक्सीनेशन से वंचित नहीं रखा जा सकता। बिना पहचान पत्र के वैक्सीन लगाने के लिए पहले ही स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर(SOP) जारी की जा चुकी है।
जानिए ... भिखारियों को तरजीह देने की वजह
दरअसल, भिखारी सड़कों व चौक-चौराहों पर बिना मास्क घूम रहे हैं। वो भीख मांगते हुए लोगों के संपर्क में आते हैं। उनकी गाड़ियों को छूते हैं और करीब होकर बात करते हैं। ऐसे में भिखारियों से लोगों में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। अभी तक कहीं भी भिखारियों को कोविड टीका लगाने की पहल नहीं हुई थी। जिस वजह से यह कदम उठाया गया है। सरकार का मानना है कि भिखारी हर रोज सैकड़ों लोगों के संपर्क में आते हैं। ऐसे में तीसरी लहर के दौरान भिखारी कोरोना संक्रमण के लिहाज से बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं।
जिले में आज वैक्सीनेशन ठप
जिले में आज वैक्सीनेशन ठप रहेगा। सेहत विभाग के पास बुधवार को 24 हजार डोज उपलब्ध थी, जो कल ही लगा दी गई। अब कोवैक्सीन का स्टॉक भी खत्म हो चुका है। ऐसे में आज यानी गुरुवार को सेहत विभाग के वैक्सीनेशन सेंटरों के साथ प्रशासन की मोबाइल टीमें भी वैक्सीन नहीं लगाएंगी।
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