पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (MVI) जालंधर नरेश कलेर के तीन फरार एजेंटों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए एजेंट कलेर के साथ ही केस में नामजद थे, लेकिन कलेर की गिरफ्तारी के बाद यह फरार हो गए थे।
यह एजेंट कॉमर्शियल और निजी वाहनों का निरीक्षण किए बिना ही मोटी रकम रिश्वत रूप में लेकर फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करवा देते थे।
पकड़े गए आरोपियों के मोबाइल फोन और सिम की होगी जांच
विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने बताया कि इस MVI रिश्वत कांड मामले की गहनता से जांच की जा रही है। पकड़े गए सभी आरोपियों के मोबाइल फोन और सिम कार्ड जब्त कर लिए गए हैं। इन्हें डेटा विशेषज्ञों को भेजा जाएगा ताकि इनके भ्रष्टाचार में शामिल अन्य लोगों का भी पता लगाया जा सके।
कोर्ट में पेश कर विजिलेंस लेगी रिमांड
विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान पंकज ढींगरा उर्फ भोलू निवासी न्यू कैलाश नगर, सोढल रोड जालंधर, बृजपाल सिंह उर्फ रिक्की निवासी कृष्णा नगर, जालंधर और अरविंद कुमार उर्फ बिंदू निवासी उपकार नगर, जालंधर के रूप में हुई है।
प्रवक्ता ने कहा कि आरोपियों को सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा। विजिलेंस ब्यूरो इस मामले में आगे की जांच के लिए पकड़े गए आरोपियों का पुलिस रिमांड कोर्ट से मांगेगी।
अगस्त महीने में MVI को पकड़ दर्ज किया था मामला
विजिलेंस ब्यूरो ने MVI के कार्यालय में औचक निरीक्षण किया था और निजी एजेंटों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए एक संगठित भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था।
विजिलेंस ब्यूरो ने पर्याप्त सबूतों के आधार पर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7, 7ए और आईपीसी की धारा 420, 120-बी के तहत विजीलैंस ब्यूरो पुलिस स्टेशन जालंधर में 23 अगस्त को मामला दर्ज किया था। इसमें 10 लोगों को नामजद किया गया था।
अब तक इस मामले में पहले कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें नरेश कलेर, रामपाल उर्फ राधे, मोहन लाल उर्फ कालू, परमजीत सिंह बेदी, सुरजीत सिंह और हरविंदर सिंह (सभी निजी एजेंट) शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है और बाकी फरार आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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