टोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीत 41 साल बाद इतिहास रचने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम के खिलाड़ी अपने होम टाउन पहुंच गए। टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह, मनदीप सिंह व वरुण कुमार का जोरदार स्वागत किया गया। BSF चौक के पास ढोल बजाकर उन्हें मालाएं पहनाई गई। इसके बाद खुली जीप में बैठकर तीनों खिलाड़ी शहर के प्रमुख हिस्सों से गुजरे। इस दौरान लोगों ने उनका जबरदस्त स्वागत किया। जगह-जगह पर उनके ऊपर फूल बरसाए गए। लोगों ने उनके साथ सेल्फी ली और गले लगाकर ओलिंपिक मेडल के लिए शुक्रिया कहा।
खिलाड़ी माडल टाउन स्थित गुरुद्वारा साहिब पहुंचे। जहां उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय टीम की जीत के लिए शुक्राना अदा किया। वहां भी बड़ी संख्या में लोगों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद फिर खुली जीप में उन्हें माडल टाउन गोल मार्केट से लेकर चीमा नगर से होते हुए मिट्ठापुर ले जाया गया। वहां उन्होंने गांव के गुरुद्वारा साहिब में माथा टेका।
गुरुद्वारे में जाने के बाद तीनों खिलाड़ी मिट्ठापुर के हॉकी ग्राउंड में पहुंचे। जहां अंदर प्रवेश करते ही उन्होंने ग्राउंड को माथा टेका और फिर वहां मिट्ठापुर हॉकी एकेडमी में प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ियों से मुलाकात की। भारतीय हॉकी टीम की जीत के प्रति मिट्ठापुर ग्राउंड में ट्रेनिंग ले रहे खिलाड़ियों में भी पूरा जोश रहा। उन्होंने गर्मजोशी से हॉकी स्टिक उठाकर तीनों ओलिंपिक खिलाड़ियों का स्वागत किया।
इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए हॉकी कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा कि सभी खिलाड़ियों ने बहुत मेहनत की थी। हमने पहले ही तय कर लिया था कि चाहे जो भी हो, हमें पूल में टॉप करना है। जब हम ऑस्ट्रेलिया से 7-1 से हारे तो सब चिंतित थे। फिर हमने उस मैच की वीडियो रिकॉर्डिंग देखी। सभी खिलाड़ियों ने माना कि उन्होंने अच्छा खेला लेकिन उस दिन किस्मत विरोधी टीम के साथ थी। इसके बाद हमने पूरे दमखम से खेला और सेमीफाइनल तक पहुंचे।
सेमीफाइनल में किसी तरह के दबाव को नकारते हुए मनप्रीत सिंह ने कहा कि हमारी टीम ने भी अच्छा खेला लेकिन सेमीफाइनल नहीं जीत सके। सभी खिलाड़ियों ने सोच रखा था कि टोक्यो ओलिंपिक में हमें पोडियम फिनिश करना है। इसलिए सेमीफाइनल हारने के बाद क्वार्टर फाइनल के लिए पूरी तैयारी की।
मनप्रीत ने कहा कि इस जीत के बाद देश से मिले समर्थन के लिए वह सबको शुक्रिया कहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमें काफी सपोर्ट मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हमारा हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि यह जीत निश्चित तौर पर हॉकी के प्रति नए खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी। अब सबका फोकस अगले मुकाबलों पर है।
वरुण बोले - सोचा था कि मौका मिलेगा तो सौ फीसद दूंगा
लीग मैचों में मौका न मिलने के सवाल पर वरुण कुमार ने कहा कि वह टीम के साथ थे और टीम की ही तरह सोचते थे। उन्होंने इतना सोच रखा था कि जिस दिन टीम के साथ फील्ड में उतरने का मौका मिलेगा तो अपना सौ फीसद दूंगा। इसीलिए वह टीम के लिए अहम मुकाबले में गोल दाग सके।
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