पंजाब में जालंधर लोकसभा उप-चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के साथ-साथ समुदायों के लोग भी सक्रिय हो गए हैं। मुस्लिम समुदाय ने साफ कर दिया है कि इस बार उपचुनाव में वह यूज नहीं होंगे। साथ उसका ही देंगे जो उनके काम करेगा। मुस्लिम संगठन पंजाब के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि इस बार वोट बैंक की तरह यूज नहीं होंगे।
मुस्लिम संगठन के नेताओं ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि सांसद संतोख चौधरी ने अपनी सांसद निधि से कई बार गुलाब देवी में मुस्लिमों की जगह के लिए 10 लाख की घोषणा की, लेकिन मिले एक बार भी नहीं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय की दुर्दशा को लेकर साल 2006 में जस्टिस सच्चर की रिपोर्ट आई थी, लेकिन उस पर किसी ने कुछ नहीं किया।
वक्फ बोर्ड की 75 हजार संपत्तियों में से 26 हजार पर कब्जे
नेताओं ने कहा कि वक्फ बोर्ड की पंजाब के हर गांव से लेकर शहर में प्रॉ़पर्टी है। उन्होंने कहा कि पंजाब में साढ़े 75 हजार से ज्यादा संपत्तियां हैं, लेकिन इनमें से 26 हजार पर धनाढ्य लोगों, नेताओं और अधिकारियों के कब्जे हैं। उन्हें छुड़ाने के लिए आज तक कोई प्रयास नहीं किए गए।
इमाम नासिर को घोषित किया जाए हेरिटेज
मुस्लिम समुदाय ने कहा कि जालंधर की इमाम नासिर मस्जिद करीब 400 साल पुरानी है। भारत की पुरातत्व विभाग भी इसकी पुष्टि कर चुका है, लेकिन सरकारों ने अभी तक इस मस्जिद को हेरिटेज घोषित नहीं किया है। उन्होंने मस्जिद के इतिहास को बताते हुए कहा कि बाबा शेख फरीद ने भी यहां पर चालीस दिन कर बंदगी की थी।
आज यह पवित्र स्थान जहां पर दुनियाभर से लोग आते हैं के मीनार और अंदर की दीवारें जर्जर हो रही हैं। सरकार इसके रखरखाव के लिए कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि माना सांसद ने जो पैसे घोषित किए थे वह किसी धार्मिक स्थल को नहीं दिए जा सकते, लेकिन वहां पर विकास के कामों में तो लगाए जा सकते हैं। उनसे वहां पर लंगर हाल इत्यादि बनाया जा सकता है।
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