जालंधर में एक NRI की पैतृक जमीन हड़पने की साजिश रचने का मामला सामने आया है। आरोप NRI के चाचा और ताया पर लगे हैं, जिनके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया है। NRI ने कनाडा में रहते हुए अपने जानकार को जमीन बेची तो चाचा-ताया ने जालंधर में उसका फर्जी एग्रीमेंट तैयार कर लिया। उस पर NRI के साइन भी कर दिए। इसके बाद जमीन खरीदारों को रजिस्ट्री बनवाने से रोकने के लिए कोर्ट से स्टे तक ले लिया। इस धोखाधड़ी की पोल तब खुली, जब NRI के साइन उस वक्त के बताए गए, जब कोरोना लॉकडाउन की वजह से फ्लाइट बंद थी।
कनाडा में रह रहे गांव के व्यक्ति को बेची थी जमीन
कनाडा में रहने वाले जसवंत सिंह ने बताया कि शाहकोट के गांव महिमूवाल युसुफपुर में उसकी 21 कनाल 1 मरला पैतृक जमीन थी। जिसका सौदा उसने 24 लाख 70 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से गांव के ही जसपाल सिंह के साथ कर लिया। जसपाल सिंह भी कनाडा में ही रहता है। जसपाल ने रुपए देकर जसवंत सिंह से पावर ऑफ अटॉर्नी भी ले ली और अपने जीजा जसबीर सिंह को भेज दी। जसबीर ने उसकी रजिस्ट्री जसपाल के पिता यानी अपने ससुर जरनैल सिंह के नाम पर कर दी।
रजिस्ट्री के बाद इंतकाल चढ़ना था तो चाचा-ताया ने रची साजिश
जमीन बिकने के बाद रजिस्ट्री हो जाने के बाद इंतकाल चढ़ना था तो जसवंत के चाचा उधम सिंह व ताया गुरमेल सिंह ने शाहकोट के SDM को शिकायत देकर इंतकाल रुकवा दिया। इसके बाद उन्होंने NRI जसवंत सिंह की तरफ से उधम सिंह के नाम पर किया फर्जी एग्रीमेंट (बयाना) भी तैयार करा लिया। जिसके आधार पर नकोदर में कोर्ट केस तक कर दिया। जिससे चाचा-ताया को स्टे मिल गया। हालांकि बाद में उन्होंने जमीन के सही खरीदार से समझौता करके केस वापस ले लिया। पुलिस जांच में आरोपी चाचा-ताया ओरिजनल एग्रीमेंट लेकर नहीं आए, जिससे उनके फर्जीवाड़े की पोल खुल गई।
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