पंजाब के जालंधर में पुलिस को शायद इस बात का पहले ही अंदेशा था कि शहर में लूट की कोई बड़ी वारदात हो सकती है। इसलिए पुलिस ने कुछ दिन पहले ही शहर के सभी बैंकों, फाइनांसरों, मनी एक्सचेंज करने वालों, गोल्ड लोन देने वालों के साथ-साथ हथियार विक्रेताओं को आगाह किया था कि वह संस्थानों में सुरक्षा गार्ड रखें और सीसीटीवी कैमरे लगवाएं।
हैरानी की बात है कि लूट के शिकार हुए यूको बैंक के प्रबंधन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। लूट के वक्त बैंक में कोई सुरक्षा कर्मी ही नहीं था। पुलिस के अधिकारियों ने शहर में सबसे पहले हथियार विक्रेताओं के साथ बैठक की थी जिसमें उन्हें हथियारों को सुरक्षित रखने के कुछ टिप्स दिए थे।
इसके बाद अगली बैठक पुलिस के अधिकारियों ने शहर में बैंकों, गोल्ड लोन और मनी एक्सचेंज करने वालों के साथ की थी। पुलिस के अधिकारियों ने सभी को अपने-अपने संस्थानों में अलग-अलग एंगल पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की हिदायत दी थी। ताकि यदि कोई आपराधिक किस्म का व्यक्ति संस्थान में आ रहा है तो उसका पहले ही पता चल सके।
इसके अलावा पुलिस के अधिकारियों ने फाइनांस से जुड़े से संस्थानों को विशेष हिदायत दी थी कि वह अपने-अपने संस्थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ-साथ सुरक्षा गार्ड भी रखें, लेकिन यूको बैंक ने पुलिस की हिदायत को नहीं माना। शहर में सिर्फ यूको बैंक ही नहीं बल्कि और भी कई बैंक हैं जिन्होंने कॉस्ट कटिंग करते हुए सुरक्षा गार्डों को हटा दिया है।
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