पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के द्वारा मंगलवार को किए गए धमाके से पंजाब में सियासी खलबली मच गई है। विपक्षी अकाली दल से लेकर कांग्रेस तक कैप्टन पर तंज कसने में जुट गई है। कांग्रेस ने कैप्टन के सियासी दांव पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मंत्री परगट सिंह ने कहा कि अमरिंदर तो पहले ही BJP से मिले हुए थे। वह ढाई साल से पंजाब में भाजपा का ही एजेंडा लागू कर रहे थे।
वहीं अकाली दल की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह 5 साल से भाजपा की बोली बोल रहे थे। कैप्टन के चुनावी ताल ठोकने के ऐलान से विपक्षी दलों के साथ कांग्रेस भी उनका सियासी दांव संभालने में जुट गई है। खासकर किसान आंदोलन का समाधान निकलने से पंजाब में नए असरदार सियासी समीकरण बनने तय हैं। ऐसे में सभी अमरिंदर पर हमला करके उन्हें सियासी तौर पर कमजोर करने की कोशिश में जुट गए हैं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह का BJP से प्री-अलायंस
कैबिनेट मंत्री परगट सिंह ने कहा कि कैप्टन का BJP से पोस्ट नहीं प्री-अलायंस है। मैं ढाई साल से कह रहा हूं कि अमरिंदर अकेले नहीं हैं, बल्कि बादल परिवार भी साथ में है। पंजाब को बर्बाद करने की देन इन्हीं की है। मैंने जब ढाई साल पहले कहा तो किसी ने भरोसा नहीं किया। अब धीरे-धीरे बातें सामने आ रही हैं।
5 वर्षों से बीजेपी की भाषा बोल रहे थे कैप्टन
हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि जब कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटाया गया तो वे तुरंत दिल्ली पहुंच गए। मीडिया से कहा कि वे कपूरथला हाउस अपना सामान लेने जा रहे हैं। फिर शाम को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंच गए। पिछले 5 वर्षों से ही पता चल रहा था कि वे BJP की भाषा बोल रहे हैं।
यह कहा कैप्टन ने...
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा कि वह पंजाब में नई पार्टी बना रहे हैं। जिसके बाद वे BJP और अकाली दल से टूटे रणजीत ब्रह्मपुरा और सुखदेव ढींडसा ग्रुप से गठजोड़ करेंगे। फिर पंजाब चुनाव 2022 लड़ेंगे। उनका मकसद पंजाब में अगली सरकार बनाना है। हालांकि किसान आंदोलन के संतुष्टिजनक समाधान के बाद ही BJP से गठजोड़ होगा। कुछ वक्त पहले कैप्टन के पंजाब विकास पार्टी के नाम से नया संगठन बनाने की चर्चा चली थी।
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