आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री सेहत बीमा योजना के अधीन सोमवार से पंजाब के सभी प्राइवेट अस्पतालों में नए मरीजों को दाखिल नहीं किया जाएगा। इसकी औपचारिक पुष्टि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पंजाब की इकाई के प्रधान डाॅ. परमजीत सिंह मान ने कर दी है। शनिवार को जालंधर में प्रेस वार्ता के दौरान डाॅ. मान ने बताया कि आयुष्मान योजना के अधीन प्राइवेट अस्पतालों के करीब 250 रुपए बकाया हैं, जिन्हें क्लियर नहीं किया जा रहा है।
इस संबंध में आईएमए के सीनियर सदस्य और प्राइवेट अस्पतालों के डाॅक्टर्स ने सेहत मंत्री और फाइनेंस विभाग के अधिकारियों के अलावा सेक्रेटरी के साथ भी मीटिंग की गई थी। हमें जल्द अदायगी का आश्वासन मिला था, लेकिन 20 दिन निकलने के बाद भी इलाज का कोई पैसा नहीं मिल रहा है। इसके चलते अब अस्पतालों में योजना के अधीन नए मरीज दाखिल नहीं होंगे।डॉ. विग का कहना है कि योजना में 60 से 70 फीसदी लोगों के पास आयुष्मान योजना का कार्ड है, जबकि कई बार अस्पताल में व्यक्ति लग्जरी कार में आता है और आकर आयुष्मान कार्ड थमा देता है। इलाज शुरू होने पर वह अलग से कमरा लेने की डिमांड करता है। मना करने पर फोन कर सिफारिश करवाते रहते हैं।
पहले से भर्ती मरीजों का इलाज नहीं रुकेगा
आयुष्मान योजना के अधीन पंजाब के कुल 700 से अधिक प्राइवेट अस्पताल इलाज कर रहे हैं, जिनका 250 करोड़ से भी अधिक बकाया है। यह दावा आईएमए की तरफ से किया गया है। प्रधान डाॅ. परमजीत सिंह मान का कहना है जब तक सरकार आने वाले दिनों में बकाया राशि का कम से कम 60 फीसदी पैसा नहीं देती, तब तक प्राइवेट अस्पतालों में इलाज बंद ही रहेगा। जबकि किसी भी अस्पताल की तरफ से योजना का बायकाट नहीं किया जा रहा है। नर्सिंग होम एसोसिएशन के प्रधान डाॅ. राकेश विग का कहना है कि योजना के अधीन इलाज बंद करने के बारे में अस्पतालों की तरफ से सरकार को संदेश भेजा जा चुका है, लेकिन अधिकारी या मंत्री स्तर पर हमारे बकाये को लेकर कोई बात नहीं की गई है। इस कारण अब योजना के अधीन इलाज बंद करने का फैसला लिया गया है। जिन प्राइवेट अस्पतालों में पहले से योजना के अधीन मरीज इलाज करवा रहे हैं, उनका अस्पताल में इलाज पहले की ही तरह जारी रहेगा, जबकि नए मरीजों को दाखिल नहीं किया जाएगा। उन्हें परेशानी से बचाने के लिए सरकार अदायगी कर दे।
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