नवजोत सिद्धू गुट के MLA सुरजीत धीमान के बगावती सुर देखने को मिल रहे हैं। धीमान ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी नवजोत सिद्धू को CM का चेहरा बनाए। नवजोत सिद्धू पंजाब में पार्टी के प्रधान हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर मुख्यमंत्री कैप्टन अमिरंदर सिंह अगुवाई करेंगे तो वो चुनाव ही नहीं लड़ेंगे। यह बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब काफी दिनों से कांग्रेस में मची कलह ठंडी पड़ी थी। सिद्धू और कैप्टन गुट अंदरखाने जोर लगा रहे हैं कि उनके नेता को ही अगुवाई सौंपी जाए।
सुरजीत धीमान अमरगढ़ से MLA हैं। धीमान सिद्धू के करीबी हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटाने के लिए बगावत में भी वो शामिल रहे। इसके बाद पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश रावत से देहरादून मिलने वालों में भी धीमान शामिल थे। इस बगावत को कांग्रेस हाईकमान ने दबा दिया लेकिन सिद्धू गुट अभी भी कैप्टन पर निशाना साधने से नहीं चूक रहा। हालांकि हाईकमान से स्पष्ट संकेत मिलने के बाद कैप्टन सरकार चलाने में जुटे हुए हैं।
पंजाब की अगुवाई को लेकर असमंजस में कांग्रेस
पंजाब में अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की अगुवाई कौन करेगा? इसे लेकर कश्मकश जारी है। यही वजह है कि पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश रावत के कैप्टन की अगुवाई वाले बयान से काफी बवाल हुआ। सिद्धू के करीबी व अब संगठन महासचिव बनाए परगट सिंह ने तो रावत के फैसले लेने के अधिकार पर सवाल खड़े कर दिए थे। रावत को पीछे हटना पड़ा। उन्होंने बाद में यह कहकर झगड़ा संभाला कि उनके पास पंजाब में कैप्टन के अलावा सिद्धू व यहां तक कि परगट सिंह समेत कई नेता हैं, जो अगुवाई कर सकते हैं।
कैप्टन-सिद्धू के झगड़े को फायदेमंद बता चुके रावत
कांग्रेस में कैप्टन और सिद्धू के झगड़े को लेकर पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश रावत दिलचस्प बयान दे चुके हैं। रावत ने कहा था कि इन दोनों के झगड़े से कांग्रेस प्लस होगी। हालांकि विरोधियों ने इस पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि कैप्टन व सिद्धू के झगड़े के बीच कांग्रेस अपनी सरकार की नाकामियों को छुपाना चाहती है। यह सब कांग्रेस के राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की लिखी चुनावी स्क्रिप्ट है।
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