पंजाब में कांग्रेस के भीतर चल रही कलह के बीच पंजाब इंचार्ज हरीश रावत ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की। शुक्रवार को वो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले थे। बाहर आकर रावत ने फिर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तारीफ की। CM बदले जाने के फैसले के सवाल पर रावत ने कहा कि वो बहुत अच्छे और बड़े फैसले ले रहे हैं। जिन्हें लेकर कांग्रेस विधानसभा चुनाव 2022 में लोगों के बीच जाएगी।
उधर, सांसद मनीष तिवारी ने सिद्धू के हाईकमान के फैसले लेने की छूट न देने पर ईंट से ईंट बजाने का वीडियो ट्वीट कर तंज कसा है। सिद्धू को शायरी वाले अंदाज में जवाब देते हुए तिवारी ने लिखा कि 'हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती'। सियासी माहिरों का मानना है कि सिद्धू को प्रधान बनाने का विरोध करने पर तिवारी को हाईकमान से सुननी पड़ी थी। हालांकि सिद्धू ने अब सीधे हाईकमान को धमकी दी तो भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कैप्टन और सिद्धू से मिलने आएंगे रावत
हरीश रावत ने कहा कि वो एक-दो दिन के भीतर ही पंजाब आ रहे हैं। यहां वो मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब में जो भी स्थिति है, उसके बारे में राहुल गांधी को अवगत करवा दिया है। सिद्धू के ईंट से ईंट बजाने के बयान पर उन्होंने फिर कहा कि उनका अंदाजे बयां अलग है। मनीष तिवारी के सिद्धू पर तंज कसे जाने के सवाल पर रावत ने कहा कि हम सबको उनके अंदाज को भी एंज्वॉय करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पंजाब में एकजुट होकर विस चुनाव लड़ेगी, विरोधी किसी गलतफहमी में न रहें।
पंजाब इंचार्ज की जिम्मेदारी छोड़ने से भी पीछे हटे रावत
हरीश रावत अब तक ये कहते रहे हैं कि वो उत्तराखंड चुनाव की व्यस्तता के चलते पंजाब इंचार्ज का पद छोड़ना चाहते हैं। हालांकि उनसे इस बारे में पूछा गया तो रावत ने कहा कि उन्होंने मजाक में पंजाब के दोस्तों से कहा था कि आपने मेरा काम बढ़ा दिया। माना जा रहा है कि पंजाब में नवजोत सिद्धू को प्रधान बनाने और उसके बाद पैदा हुए हालात को लेकर रावत भी केंद्र में हैं। इसी वजह से हाईकमान ने पंजाब में कलह शांत होने तक उनकी यह मांग ठुकरा दी है। इसी वजह से वो एक बार फिर पंजाब आकर मामला सुलझाने की कोशिश में हैं।
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