पंजाब में डॉक्टरों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। डॉक्टरों ने जालंधर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य में बीमार सरकार है। इसे इलाज की नितांत आवश्यकता है। डॉक्टरों ने सरकार के इलाज के लिए लिए सभी डॉक्टरों के संगठनों को मिलाकर एक नया संगठन ग्लोबल हीलर ऑर्गेनाइजेशन का गठन किया है।
ग्लोबल हीलर ऑर्गेनाइजेशन की इस कान्फ्रेंस में कई बड़े संगठनों से पदाधिकारी डॉक्टर पहुंचे थे। डॉक्टरों ने कहा कि सरकार को पंद्रह अगस्त तक का समय दिया गया है कि वह फरीदकोट में हुए दुर्व्यवहार के लिए स्वास्थ्य मंत्री को माफी मांगने को कहे औऱ उनसे त्यागपत्र ले। अन्यथा माफी न मांगने पर डॉक्टर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे और बीमार सरकार का इलाज करके मानेंगे।
मोहल्ला क्लीनिक गुमराह करने के लिए
डॉक्टरों ने पंजाब सरकार के मोहल्ला क्लीनिकों की पोल खोलते हुए कहा कि यह सब लोगों को गुमराह करने के लिए खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसमें भी भारी घपला है। मोहल्ला क्लीनिक अधिकतर उन खाली भवनों में खोले जा रहे हैं, जहां बादल सरकार के समय सुविधा सेंटर खोले गए थे।
20 लाख के खर्च पर उठाए सवाल
हर मोहल्ला क्लीनिक के लिए बजट 18 से 20 लाख रुपए का बजट रखा गया है। यह बजट निर्माण के लिए है। उन्होंने कहा कि सरकार यह बताए कि बिल्डिंग पर उनका कोई खर्च नहीं है, सिवाय रंग रोगन के, इसके अलावा बाकी पैसा कहां खर्च किया जाएगा। डॉक्टरों ने कहा कि ईमानदार सरकार होने का दंभ भरने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार मोहल्ला क्लीनिकों के नाम पर बहुत बड़ा घपला करने जा रही है।
डॉक्टरों ने कहा कि जब पंजाब में अपना ही मूलभूत ढांचा है तो उसे मजबूत करने पर सरकार ध्यान क्यों नहीं दे रही है। राज्य के लगभग हर गांव में डिस्पेंसरी है। तहसील से लेकर जिला स्तर पर अस्पताल हैं। सरकार वहां पर डॉक्टर, दवाइयां और औजार उपलब्ध क्यों नहीं करवाती।
हर हलके में एक भी मोहल्ला क्लीनिक नहीं
उन्होंने कहा कि 75 मोहल्ला क्लीनिक खोले जा रहे हैं एक विधानसभा क्षेत्र में एक भी हिस्से में नहीं आएगा। विधानसभा क्षेत्र इतना लंबा चौड़ा होता है वहां पर जिस गांव क्लीनिक खुलेगा उसके अलावा दूसरे गांव के लोग नहीं आएंगे। डॉक्टरों से दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिकों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वहां पर सरकार का कोई खर्च नहीं है। दिल्ली एक ऐसा राज्य है जिसके सारे खर्च केंद्र सरकार करता है, जबकि वहां पर इकट्ठा होने वाला टैक्स दिल्ली सरकार के खाते में जाता है। दिल्ली की सरकार मुफ्त में वाहवाही लूट रही है।
केवल डॉक्टर बैठा देने से क्लीनिक नहीं चलते
डॉक्टरों ने कहा कि यदि दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक इतने ही कामयाब थे तो फिर कोरोना के समय दिल्ली में इतने मरीज क्यों मरे। दिल्ली में लोगों को आक्सीजन क्यों नहीं मिली। दिल्ली के मरीजों को आकर पंजाब में क्यों इलाज करवाना पड़ा। सिर्फ कुर्सी टेबल लगा देने और डॉक्टर बिठा देने से क्लीनिक नहीं चलते। क्लीनिक में दवाइयां और इलाज में इस्तेमाल होने वाले औजार भी चाहिए। चिकित्सकों ने जहां कि सुविधा सेंटरों में एक कमरे में चिकित्सक मरीजों का क्या इलाज कर लेगें।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के डॉक्टर से बदतमीजी
उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ शगूफे छोड़ रही है। छह महीने बाद इन मोहल्ला क्लीनिकों की हकीकत सबको पता चल जाएगी। उन्होंने कहा कि जब कोरोना आया तो चिकित्सकों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों की सेवा की। अपनी जानें गंवा कर लोगों की जानें बचाई। लेकिन अहसान फरामोश सरकार के मंत्री एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के डॉक्टर के साथ बदतमीजी करे यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
हेल्थ के जानकार विधायक को दें मंत्रालय
डॉक्टरों के नए संगठन ग्लोबल हीलर ऑर्गेनाइजेशन ने पंजाब सरकार से यह मांग भी की है कि वह मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री को हटाकर एक ऐसे विधायक को हेल्थ मंत्रालय दें जिसे चिकित्सा क्षेत्र के बारे में जानकारी हो। जो पढ़ा लिखा हो। जिसे बात करने का तरीका सलीका हो। ऐसे व्यक्ति को क़तई प्रभार न दिया जाए जो जिसे प्रोफेशन के बारे में पता ही नहीं है।
कॉन्फ्रेंस में ये डॉक्टर रहे मौजूद
ग्लोबल हीलर ऑर्गेनाइजेशन की इस कान्फ्रेंस में आज पंजाब मेडिकल कौंसिल के डा. एके ,सेखों, डा. मनमोहन सिंह, अस्पताल बोर्ड के निदेशक एवं सार्क मेडिकल एसोसिएशन के संजोयक डा. परमजीत सिंह बख्शी, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. नवजोत दहिया, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पंजाब से डा. मनोज सोबती एवं डा. परमजीत सिंह मान, पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज के प्रधान डा. दलजीत गिल, डा. गगनदीप, पीसीएमए की पूर्व उपाध्यक्ष डा. मुमताज बाली और स्वास्थ्य विभाग के पूर्व निदेशक डाक्टर मनजीत सिंह भी मौजूद थे।
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