पंजाब कांग्रेस में जारी कलह के बीच पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत की बयानबाजी जारी है। इस बार उन्होंने पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू का बचाव किया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। दरअसल सिद्धू की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पाक सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से दोस्ती को लेकर BJP सवाल उठा रही है, इसलिए रावत ने जवाब दिया है।
रावत ने सोशल मीडिया पर BJP के प्रांतीय और केंद्रीय नेतृत्व से सवाल किए हैं। उन्होंने पूछा है कि आज भाजपा को नवजोत सिद्धू की इमरान खान से दोस्ती खल रही है, क्योंकि सिद्धू अब कांग्रेस में हैं, लेकिन जब भाजपा सांसद थे, जब भाजपा उनको पंजाब में अपना खेवनहार मानती थी, उस समय तो सिद्धू की इमरान खान से और भी प्रगाढ़ मित्रता थी।
रावत ने प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी जी यदि नवाज शरीफ से गले लगते हैं और उनके घर जाकर बिरयानी खाते हैं तो उसमें देश का काम है! यदि कोई व्यक्ति अपने धार्मिक तीर्थ स्थल करतारपुर साहिब के रास्ता खोलने के लिए धन्यवाद देते हुए एक अपने दूसरे पंजाबी भाई, जो पाकिस्तान के आर्मी के जनरल हैं, से गले मिलता है तो उसमें देशद्रोह? यह कैसा डबल स्टैंडर्ड है, भाजपा जरा इसको समझे। रावत ने मोदी के नवाज शरीफ से गले लगने की फोटो भी शेयर की है।
BJP के बहाने रावत ने कैप्टन को भी जवाब दिया
सिद्धू के इमरान खान और पाक सेना प्रमुख से रिश्तों को लेकर पहली बार सवाल कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उठाया था। कैप्टन ने कहा था कि सिद्धू की उनसे दोस्ती है। पाकिस्तान की ओर से आए दिन पंजाब में ड्रोन के जरिए हथियार और ड्रग्स भेजी जा रही है। कैप्टन ने सिद्धू को देश की सुरक्षा के लिए खतरा तक बता दिया था। कैप्टन के बयान के बाद ही BJP भी इस मामले में हमलावर हो गई। ऐसे में माना जा रहा है कि रावत ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं। एक तरफ उन्होंने BJP पर हमला किया है, तो दूसरी तरफ कैप्टन को भी जवाब दिया है। रावत ने पंजाब में सिद्धू की छवि बनाए रखने के लिए इस मुद्दे को श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर खुलवाने से जोड़ दिया है।
सिद्धू को लगातार डिफेंड कर रहे हैं रावत
हरीश रावत ने ही पंजाब में कैप्टन से नाराज होकर घर बैठे सिद्धू को सक्रिय किया था। फिर उन्होंने पंजाब प्रधान बनवाने के लिए लॉबिंग की। अब ये भी चर्चा है कि सिद्धू का दूत बनकर हाई कमान के जरिए कैप्टन को बाहर करवाने में भी रावत की अहम भूमिका रही है। ऐसे में कैप्टन की विदाई के बाद रावत पर अपने फैसले को सही साबित करने का भी दबाव है। यही वजह है कि वे लगातार सिद्धू की तरफदारी कर रहे हैं। सिद्धू की अगुवाई में पंजाब का अगला चुनाव लड़ने को लेकर दिए उनके बयान पर भी विवाद हो चुका है और कांग्रेस हाई कमान को केंद्रीय नेताओं के जरिए इस पर सफाई देनी पड़ी।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.