पंजाब कांग्रेस में मची कलह पर विरोधी भी खूब चटखारे ले रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस बिखरी पड़ी है। सुनील जाखड़, सुखजिंदर रंधावा, चरणजीत चन्नी और नवजोत सिद्धू की अलग-अलग कांग्रेस बन गई है। पता नहीं चल रहा कि पंजाब में कांग्रेस की अगुवाई कौन कर रहा है। सुखबीर ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कांग्रेसियों को अखाड़े में लड़ाना चाहिए। जो जीत गया, उसे टिकट देनी चाहिए।
सुखबीर ने कहा कि हम पहले से कहते रहे कि काले कानून कैप्टन अमरिंदर सिंह की देन हैं। तब किसी ने हमारी बात नहीं सुनी। अब यही बात सिद्धू और रंधावा कह रहे हैं। अब कांग्रेसी ही एक-दूसरे की पोल खोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तो यह कांग्रेस की जंग का ट्रेलर है। कांग्रेस में कुर्सी की लड़ाई लंबी चलेगी।
कैप्टन के बाद चन्नी केंद्र की ग्रिप में
सुखबीर ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाद CM चरणजीत चन्नी भी केंद्र सरकार की ग्रिप में हैं। इसी वजह से BSF का दायरा पंजाब के भीतर 50 किमी तक बढ़ गया। कांग्रेस सरकार ने खुद इसको मंजूर किया और अब बाहर बयानबाजी कर रहे हैं। सुखबीर ने कहा कि भाजपा और RSS की मदद से ही कैप्टन अमरिंदर सिंह पिछला चुनाव जीते थे।
अरूसा को कैप्टन की पत्नी के मंत्री रहते भी इजाजत मिली
अरूसा आलम को लेकर हुए विवाद पर भी सुखबीर बादल ने प्रतिक्रिया दी। उनसे पूछा गया कि उनके डिप्टी सीएम रहते भी अरूसा भारत आती रही। सुखबीर ने कहा कि इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं। केंद्र सरकार इजाजत देती है। अगर वो यहां कोई क्राइम करे तो राज्य सरकार कुछ कर सकती है।
अब तो अमरिंदर खुद कह रहे हैं कि वह अरूसा को स्पॉन्सर कर रहे थे। भाजपा के रिलेशन के साथ कांग्रेस के वक्त भी अरूसा को इजाजत मिलती रही। यहां तक कि कैप्टन की पत्नी परनीत कौर के विदेश राज्य मंत्री होते हुए भी परमिशन मिलती रही।
बिना मुआवजा दिए प्रचार कर रहे चन्नी
सुखबीर बादल ने CM चरणजीत चन्नी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि डेढ़ महीने बाद भी गुलाबी सुंडी से नुकसान हुए नरमे का मुआवजा नहीं मिला। किसानों को आगे गेहूं बीजना है। डीएपी खाद नहीं मिल रही। सीएम चन्नी ने 1500 करोड़ की घोषणाएं कर दी लेकिन पैसा किसी को नहीं दिया। इसके उलट चन्नी ने प्रचार भी शुरू कर दिया।
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