जालंधर में घातक होने लगा कोरोना:1615 एक्टिव केस; 2 लोगों की मौत, ओमिक्रॉन के 5 मामले, 1.73% सैंपलों का रिजल्ट ही नहीं आता

जालंधरएक वर्ष पहले
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पंजाब के जालंधर जिले में कोरोना की रफ्तार ऊंची छलांग की तरह बढ़ रही है। जैसे ऊंची छलांग लगाने के लिए कुछ कदम पीछे लेने पड़ते हैं। उसी तरह से जालंधर में कोरोना के मरीजों की संख्या बीच में कम होती है और अगले ही दिन दोगुनी रफ्तार के साथ बढ़ती है। एक हफ्ते के भीतर कोरोना के मामले 1615 पर जा पहुंचे हैं। इतना ही नहीं अब कोरोना घातक भी होने लगा है। कोरोना से हफ्ते में दो लोगों की मौत भी हो चुकी है।

वहीं जिले में अभी तक जिस तरह से कोरोना ने रफ्तार पकड़ी है, उसी तरह से सैंपल लेने की रफ्तार नहीं है। लेकिन जितने भी सैंपल जा रहे हैं, यदि हम उनमें से पॉजिटिव केसों की एवरेज दर चैक करें 9 प्रतिशत से ऊपर बैठ रही है। यह तब है, जब सिर्फ ढाई से तीन हजार सैंपल ही स्वास्थ्य विभाग ले पा रहा है। यदि सैंपल बढ़ेंगे तो यह एवरेज भी बढ़ेगी। बहुत सारे लोग अपना टेस्ट करवा ही नहीं रहे हैं। घरों में ही देसी फंडे अपना कर इलाज कर कर रहे हैं। फिलहाल जिले में 250 कोरोना पॉजिटिव केसों का एक बेंच मार्क स्थापित हो गया है। यह एवरेज बन गई है, जबकि इससे ज्यादा केस रोजाना सामने आ रहे हैं।

सैंपलों की वेस्टेज भी ज्यादा

स्वास्थ्य विभाग लोगों की आरटीपीसीआर टेस्टिंग के लिए जो सैंपल लैब को भेज रहा है, उनके 100 प्रतिशत नतीजे सामने नहीं आ रहे हैं। बहुत सारे सैंपल ऐसे हैं, जिनका कोई नतीजा ही नहीं आ रहा है। यदि हम जिले के खराब हो रहे सैंपलों पर नजर दौड़ाएं तो कुल भेजे गए सैंपलों में से 1.73 प्रतिशत सैंपल एेसे होते हैं, जिनका कोई रिजल्ट नहीं आता। यह कहकर सैंपल वेस्ट करार दे दिए जाते हैं कि यह या तो खाली पाए गए हैं या फिर यह खराब हो गए थे।

जालंधर जिले में अभी तक भेजे गए 19 लाख 20 हजार 105 सैंपलों में से 33 हजार 296 सैंपल एेसे हैं, जिनका कोई रिजल्ट नहीं आया है। इन लोगों की रिपोर्ट का क्या बना क्या नहीं, इसका कुछ भी पता नहीं है। जालंधर में यदि कोरोना पॉजिटिव केसों के मामले बढ़ रहे हैं तो ऐसे सैंपल भी बहुत हैं, जिनका कोई रिजल्ट नहीं आया। जिनका कोई रिजल्ट नहीं आया, इनमें बहुत सारे ऐसे भी हो सकते हैं, जो संक्रमित हों और आगे भी संक्रमण फैलाएं।

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