सूबा सरकार रेत की बिक्री का नया फार्मूला लाई है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत मोगा, अमृतसर, फिरोजपुर की 5 साइट्स पर रेत की ढुलाई व खनन का ठेका अलग-अलग होगा। ग्राहक रेत खरीदने को सरकार की एप पर बुकिंग कर पेमेंट करेगा। रेत का दाम मोबाइल पर दिखेगा, ग्राहक ऑर्डर में मात्रा बताएगा। पेमेंट सरकार के खाते में जाएगी। सरकार राॅयल्टी काटकर महीने में 2 बार ठेकेदारों को भुगतान करेगी। इरीगेशन, माइनिंग व जियोलॉजी विभाग के चीफ इंजीनियर-1 देविंदर सिंह ने कहा- ठेकेदार डायरेक्ट सेल नहीं करेगा।
नए सर्वेक्षण का मकसद :
प्रत्येक जिले में नदियों का सर्वे होगा
सरकार नई खदानें चालू करेगी। हर जिले में नदियों का सर्वे होगा। उन जगहों की लिस्ट बनेगी, जहां पर एनजीटी के आदेश अनुसार पर्यावरण को बगैर नुकसान पहुंचाए खनन हो सकता है। अच्छे नतीजे देता है तो योजना बाकी जिलों में भी लागू करेंगे।
आगे क्या? खनन साइटों की लिस्ट फाइनल करने के बाद सरकार वातावरण क्लियरेंस लेगी। पर्यावरण क्लियरेंस खास कमेटी से मिलती है। इसके बाद साइट की अलाॅटमेंट के नियम फाइनल करने के बाद अलाॅटमेंट के टेंडर लगेंगे। फिलहाल अभी सर्वेक्षण के लेकर सारी प्रक्रिया में 3 से 4 महीने लगेंगे। जुलाई में मानसून सीजन शुरू हो जाएगा।
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