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  • Two Women Consulars Gave A Complaint To The Contractors For Tendering The Roads, The Committee Handed Over The File Investigation To The Corporation Commissioner Only.

2 घंटे की विजिट में सिर्फ 2 घंटे काम:दो महिला कौंसलरों ने मनपसंद ठेकेदारों को सड़कों के टेंडर देने की कंप्लेंट दी, कमेटी ने फाइल जांच निगम कमिश्नर को ही सौंप दी

जालंधर2 वर्ष पहले
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  • फील्ड इंस्पेक्शन पर नहीं गई विधानसभा कमेटी, उन्हीं मुद्दों पर विचार हुआ- जो पहले से चल रहे

विधानसभा की लोकलबाडीज कमेटी ने दूसरे दिन भी वो काम नहीं किया, जिसके लिए उसे जालंधर भेजा गया था। कमेटी सिटी में कहीं भी मौका देखने नहीं गई। यहां तक कि न खाते चेक किए और न ही दस्तावेज खंगाले। 13 मेंबर्स वाली कमेटी के सभापति विधायक सुनील दत्ती व मेंबर्स के सामने केवल जालंधर कमेटी मेंबर विधायक राजिंदर बेरी व बावा हैनरी ने वही मुद्दे रखे, जो पहले से चल रहे हैं। ऐसा करके उन्होंने निगम व जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की किरकिरा होने से बचा ली है।

तीन साल बाद जालंधर पहुंची लोकलबाडीज कमेटी ने शहर में 2 दिन रहना था, लेकिन उसने केवल 2 घंटे काम किया। इस दौरान महिला कौंसलरों ने सड़कों के निर्माण में करोड़ों रुपए के टेंडर मनचाहे ठेकेदारों को ही देने के मामले में जांच की मांग की है। महिला कौंसलरों ने कहा कि पहले जो टेंडर उसी फर्म को दिए जाते थे, जो 25-30 फीसदी तक छूट देती थी, अब केवल 2-3 फीसदी तक टेंडर पर छूट देने वालों को काम सौंपे गए। करोड़ों के काम बार-बार चुनिंदा ठेकेदारों को सौंपे गए हैं। कई मामलों में मनमर्जी से टेंडर रद कर दिए थे व दोबारा ठेकेदारों को फायदा देकर अलाॅट किए।

लेटर हरशरण कौर हैप्पी व पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर कमलजीत सिंह भाटिया की कौंसलर पत्नी ने दी है। विधायकों ने दोनों की शिकायत लेकर जांच के लिए निगम कमिश्नर करणेश शर्मा को सौंप दी। बीते 4 माह से एक मैसेज वायरल होने से लेकर कई बार कौंसलरों ने सड़कों की एडहॉक कमेटी के 2 साल के कार्यकाल में हुए कामों की जांच की मांग की थी, लेकिन कोई असर नहीं दिखा।

कांग्रेस नेता संजय सहगल ने कमेटी को लेटर में कहा कि सिटी में कंकरीट रोड बनाने वाले ठेकेदार को 90 लाख की पेमेंट अफसरों के नकली सिग्नेचर करके की गई। इस मामले में जांच के हुकुम दें। उन्होंने सरकारी जमीन पर कब्जे व सरकारी फंड्स नेशनल बैंकों के खातों से निकालकर निजी बैंक में जमा कराने का मुद्दा भी रखा। कमेटी के कुल 13 मेंबर हैं। इनमें से 8 हाजिर होने जरूरी हैं लेकिन रहे केवल 5 ही पहुंचे यानी कोरम पूरा नहीं रहा। स्मार्ट सिटी के अटके प्रोजेक्टों के इंस्पेक्शन की उम्मीद की जा रही थी, जो अधूरी रही।

8 विधायक रहे गैर हाजिर
मीटिंग करके मंगलवार को बावा हैनरी दोबारा अपने पेट्रोल पंप पर नवजोत सिंह सिद्धू के स्वागत करने चले गए। उनके साथ डाॅ. हरजोत कमल भी चले गए। विधायक बेरी ने दूसरे काम से जाना था। उनके अलावा सभापति दत्ती व टीम केजरीवाल की विधायक सरबजीत कौर मानूके बची थीं। उन्होंने भी कोई सख्त रुख नहीं दिखाया। उनके अलावा बाकी 8 विधायक गैर हाजिर रहे। इनमें बिक्रम सिंह मजीठिया, अमित विज, डाॅ. धर्मवीर अग्निहोत्री, एनके शर्मा, नाजर सिंह मानशाहिया, राजिंदर सिंह, रमिंदर सिंह आंवला, संजीव तलवाड़ शामिल हैं। इस तरह कमेटी कोई बड़ा फैसला ले भी ले, तो कोरम पूरा नहीं था।

जालंधर के विधायकों ने रखे ये मुद्दे, जो पहले से विचाराधीन
1. सीवरेज-पानी के 75 करोड़ के पेंडिंग पैसे माफ करना... निगम ने लोगों से पानी सीवरेज के पैसे नहीं वसूले। ये रकम 75 करोड़ है। अब लोग नया बिल दे देते हैं, कई बकाया देने से डरते हुए नया बिल भी नहीं देते। विधायक बेरी ने कहा कि ये पैसे माफ होने चाहिएं, जिससे लोगों से नए सिरे से बिल लें। 2. सूर्या एनक्लेव में छप्पड़ बना है, सीवरेज लाइन ठीक हो...विधायक बेरी ने कहा कि ट्रस्ट की जमीन में सीवरेज का पानी जमा होता है। अफसरों ने कहा कि पुरानी लाइन में खराबी है। अब नई लाइन डलेगी।
3. ट्रस्ट की जमीन पर काबिज लोगों को एनओसी...विधायक बेरी ने कहा कि जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की जमीनों पर जो काबिज लोग हैं, उन्हें सरकार ने मालिकाना हक देने की योजना बनाई है, लेकिन ट्रस्ट जब एनअोसी देगा तो ये काम होगा। जमीनों के काबिज लोगों को मालिक बनाना है, वे जो पैसा देंगे, वो नगर सुधार ट्रस्ट को ही मिलेगा। 4. लाइन लगाने के पैसे निगम को दे पावरकाॅम...विधायक बावा ने मुद्दा रखा कि जब पावरकाॅम की बिजली लाइन शिफ्ट करनी होती है तो इसका पैसा निगम से लिया जाता है। जब खुद कहीं लाइन लगाता है तो उसका पैसा क्यों नहीं निगम को भरता? 5. जोनिंग पाॅलिसी लाने का सुझाव... विधायकों ने अवैध बनी इमारतों को रेगुलर करने को जोनिंग पाॅलिसी लाने का सुझाव दिया है। जबकि पहले ही सरकार इमारतों की रेगुलराइजेशन नीति लाने जा रही है। इस पर विचार हुआ कि जोनिंग को इमारतों की पालिसी में ही मर्ज करके लागू कर सकते हैं।

भाजपा ने लगाया बात न सुनने का आरोप
कमेटियों के चेयरमैन सुबह 10 बजे पहुंचे। उस समय कमेटी ने कहा कि बैठक के बाद चर्चा होगी। इंतजार कर रहे चेयरमैनों में शामिल बलराज ठाकुर को पता चला कि मीटिंग लंबी चलेगी। इस पर चेयरमैन नाराज हो गए। तभी कमेटी मेंबर्स ने बाहर आकर उनसे डिमांड लेटर लिया। इनमें बलराज ने सड़कों की घोषणा का काम पूरा करने, सीवरेज व स्मार्ट सिटी के कामों में कौंसलरों की भूमिका बनाने की मांग की है।

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