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जिले के गांव खेला में सर्वसम्मति से चुनी गई लेडी सरपंच ने एक पंच के साथ मिलकर पंचायती फंडों में लाखों का घोटाला कर दिया। दोनों ने न केवल कम कीमत पर खरीदी वस्तु के दाम अधिक बता बिल पास किए, बल्कि रिपेयरिंग के नाम पर भी पंचायत का फंड खा गए। यही नहीं, गांव के लोगों से पेयजल बिल वसूली कर खुद ही हजम कर गए।
इस घपले की पोल RTI एक्ट से तब खुली, जब गांव के पंचों ने रिकॉर्ड लेकर इसकी जांच की। उन्होंने पंचायती राज व रूरल डेवलपमेंट के डायरेक्टर को इसकी शिकायत भेजी। जिसके बाद जालंधर रूरल पुलिस के SSP ने इसकी जांच कराई और पंचायती फंडों में गड़बड़ी पकड़े जाने पर सरपंच व एक पंच के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस के मुताबिक पंचायती फंड में कितने का घोटाला हुआ, इसके लिए अब जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन इसकी राशि लाखों में हो सकती है।
सर्वसम्मति से चुनी गई थी पंचायत, फैसले अकेले लेने लगी सरपंच
गांव खेला के पंचायत सदस्य हरकमलजीत कौर, भोली व परमजीत सिंह ने बताया कि उनकी पंचायत दिसंबर 2018 में चुनी गई थी। जिसमें सर्वसम्मति से पुष्पिंदर कौर सरपंच व भोली, हरकमलजीत कौर, संतोख राम, परमजीत सिंह व मनजीत सिंह पंच चुने गए थे। सरपंच बनने के बाद पुष्पिंदर कौर ने पंचों से सलाह किए बगैर निजी फायदे के लिए खुद ही फैसले करने शुरू कर दिए।
अफसरों ने नहीं सुनी तो RTI से खोली पोल
पंचों को इस गड़बड़ी का पता चला तो उन्होंने व गांव के लोगों ने पहले जिले के उच्च अफसरों को इस मामले की जानकारी दी। इसके बाद 3 व 4 जून 2020 को फिल्लौर के BDPO को इसकी लिखित शिकायत दी। रजिस्ट्री के जरिए भी अफसरों को शिकायतें भेजी लेकिन इन अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की। फिर उन्होंने RTI एक्ट के जरिए ग्राम पंचायत का रिकॉर्ड मांगा। जिससे उन्हें पता चला कि सरपंच पुष्पिंदर कौर व पंच मनजीत सिंह साठगांठ कर किस तरीके से झूठे प्रस्ताव व जाली बिल बनाकर पंचायत व सरकार को चूना लगा रहे हैं।
घोटाले के कुछ चुनिंदा उदाहरण
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