पंजाब में जालंधर जिले के सिटी पब्लिक स्कूल मकसूदां में सिख युवक के हाथ से कड़ा उतरवाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। सिख तालमेल कमेटी ने कहा कि कड़ा सिखों के 5 ककारों में शामिल है। सिख युवक के हाथ से कड़ा उतरवाने की घटना से सिखों की भावनाएं आहत हुई हैं। जिस भी शिक्षक ने ऐसा किया है, उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
इसी बीच सिटी ग्रुप ने एक बयान जारी करके कहा है कि कड़ा उतरवाने वाली शिक्षिका और एक अन्य की सेवाएं तुरंत प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं। सिटी ग्रुप के शिक्षण संस्थान में सिख युवक के हाथ से कड़ा उतरवाने की यह दूसरी घटना सामने आई है। इससे पहले सिटी ग्रुप के शाहपुर कैंपस में भी सिख युवक के हाथ से कड़ा उतरवाया गया था।
सिटी ग्रुप ने अपने बयान में एक तरफ टीचर की सेवाएं समाप्त करने की बात कही, वहीं पर दूसरी तरफ यह भी कहा कि टीचर ने छात्र को सिर्फ इतना कहा था कि वह भारी कड़ा डालने की बजाए नॉर्मल कड़ा पहने। भारी कड़े से किसी को नुकसान भी पहुंच सकता है।
सिख तालमेल कमेटी के प्रधान हरपाल सिंह चड्ढा ने कहा कि सिख युवक के हाथ से कड़ा उतरवाने की घटना की सूचना मिलते ही वह मकसूदां में सिटी पब्लिक स्कूल में गए थे। वहां पर जिस टीचर ने कड़ा उतरवाया था, उससे ऐसा करने की वजह पूछी गई। पहले तो टीचर साफ मुकर गई कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई, लेकिन जब दबाब बनाया तो मान गई कि उसने छात्र के हाथ से कड़ा उतरवाया।
हरपाल सिंह चड्ढा ने कहा कि सिख छात्र के हाथ से 5 ककारों में से एक कड़े को उतरवाकर जहां सिख धर्म का अपमान किया गया, वहीं सिखों की भावनाओं को भी आहत किया गया। संस्थान पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए और वह इसकी प्रक्रिया भी शुरू करेंगे। स्कूल में विवाद को देखते हुए मौके पर पुलिस थाना मकसूदां की पुलिस भी पहुंच गई थी।
तालमेल कमेटी पुलिस पर भी दबाब बनाने में जुटी हुई थी कि सिखों की भावनाओं को आहत करने वाले संस्थान के खिलाफ केस दर्ज किया जाए, जबकि संस्थान सफाई पर सफाई दे रहा था। स्कूल पहुंचे ACP ने कहा कि उन्हें स्कूल में कड़ा उतरवाने पर विवाद की सूचना मिली थी। जांच कर रहे हैं। जो भी गलत होगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सिटी ग्रुप के प्रबंध निदेशक (MD) मनबीर सिंह ने कहा कि है छात्रों के हाथों से भारी कड़े इस कारण भी उतरवाए गए थे, क्योंकि उनके ही शिक्षण संस्थान में एक छात्र ने दूसरे छात्र को बहसबाजी में कड़ा मार दिया था, जिससे छात्र बुरी तरह से चोटिल हो गया था। इसलिए संस्थान के टीचरों ने उन्हें कड़ा उतारने के लिए नहीं, बल्कि सिंबोलिक साधारण कड़ा पहनने की हिदायत की थी।
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