विजिलैंस ब्यूरो ने एफसीआई भ्रष्टाचारी रिटायर कर्मचारी को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया कर्मचारी एफसीआई नकोदर में हैंडलिंग का काम देखता था। लेकिन रिटायरमेंट के बाद भी इसके मुंह को लगा रिश्वत रूपी खून का स्वाद नहीं गया। इसे महेड़ू गांव की एक महिला की शिकायत के आधार पर 10000 हजार रुपए रिश्वत लेते विजिलैंस ब्यूरो जालंधर की टीम ने रंगेहाथ पकड़ा है।
महेड़ू गांव की रहने वाली महिला शमा ने अपनी शिकायत में विजिलैंस को बताया था कि उसके पिता एफसीआई में काम करते थे। लेकिन उनका नौकरी के दौरान ही देहांत हो गया। उनका विभाग में हिसाब किताब रहता है। उनका पैसा जो विभाग में रहता है उसे लेने के लिए दफ्तर में अप्रोच किया था। वहां रिटायर कर्मचारी शंकर शाह जो कि विभाग में पहले लेबर हैंडलिंग का काम देखता था वह मिल गया। उसने शमा से कहा कि वह उसके पिता के पैसे तो दिलवा देगा लेकिन इसके लिए सुविधा शुल्क देना पड़ेगा।
शमा ने अपनी शिकायत में कहा कि जिस आरोपी शंकर शाह को आज विजिलैंस ने रंगेहाथ पकड़ा है उसने पहले भी पैसे निकलवाने के लिए उससे 10000 हजार रुपए लिए थे। लेकिन शाम शाह फिर से 10000 रुपए की मांग कर रहा था। महिला शमा ने कहा कि उससे अपने ही पिता के पैसे विभाग से निकलवाने के लिए रिश्वत मांगी जा रही है।
शिकायत आने के बाद विजिलैंस की टीम ने शमा को दफ्तर में बुलाया उसे अपना पूरा प्लान समझाया। इसके बाद जाल बिछाकर रिश्वखोर कर्मचारी शंकर शाह को दस हजार रुपए के साथ रंगेहाथ पकड़ लिया। जो नोट शमा ने भ्रष्टाचारी रिटायर बाबू शाम शाह को दिए थे विजिलैंस ने उनके नंबर नोट कर रखे थे और उनके ऊपर केमिकल लगा रखा था। जैसे ही शंकर शाह को पकड़ने के बाद उसके हाथ धुलवाए गए तो उन पर कलर आ गया।
विजिलैंस ब्यूरो के अधिकारियों ने बताया कि रिश्वत के साथ पकड़े गए एफसीआई के रिटायर बाबू शंकर शाह के खिलाफ भ्रष्टाचार उन्मूलन एक्ट के तहत विजिलैंस थाना जालंधर में मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है। विजिलैंस के अधिकारियों का कहना है पकड़े गए शख्स से पूछताछ में पता लगाने की कोशिश की जाएगी वह काम करवाने के लिए आगे किन किन लोगों को रिश्वत के पैसे पहुंचाता था। उसके सम्पर्क में कौन-कौन अधिकारी और कर्मचारी थे जो उसके कहने पर काम करते थे।
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