प्रदेश कांग्रेस में मची कलह के बीच सवा महीने में ही पंजाब इंचार्ज हरीश रावत मंगलवार शाम दूसरी बार चंडीगढ़ पहुंचे। यहां पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू से मुलाकात के बाद उनके सुर बदले-बदले थे। मुलाकात खत्म होने के बाद रावत ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू अकेले ऐसे प्रधान हैं जिन्होंने कांग्रेस के भीतर के सभी संगठनों के साथ बैठक की। उनकी समस्याएं सुनीं और उन्हें सुलझाने के लिए काम किया। रावत ने कहा कि संगठन और सरकार में किस तरह तालमेल होगा, पार्टी की तरफ से इसे सिद्धू ही देखेंगे। इस मौके कार्यकारी प्रधान कुलजीत नागरा व पवन गोयल और संगठन महासचिव परगट सिंह भी मौजूद रहे।
वहीं, रावत ने परगट सिंह की नाराजगी के सवाल पर कहा कि देहरादून में दिए उनके बयान को मीडिया ने अपने हिसाब से पेश किया। किसी से अब कोई विवाद नहीं है। परगट सिंह से भी बात हो चुकी है, हालांकि क्या बातचीत हुई इस बारे में रावत ने कुछ नहीं कहा। पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस को कौन लीड करेगा? इस सवाल पर भी रावत ने गोलमोल जवाब दिया कि कांग्रेस की अपनी परंपरा है और उसी हिसाब से पार्टी चुनाव में उतरेगी।
रावत ने कहा कि कल वह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलेंगे। कैबिनेट बदलाव को लेकर रावत ने कहा कि जरूरत होगी तभी यह फैसला लिया जाएगा। इसके अलावा भी कुछ वरिष्ठ नेताओं व खासकर बागी मंत्रियों तृप्त राजिंदर बाजवा, सुखजिंदर रंधावा व सुख सरकारिया से भी उनकी बैठक होगी। हाल ही में रावत ने कह दिया था कि 2022 विस चुनाव कैप्टन अमरिंदर की अगुवाई में लड़े जाएंगे, जिसके बाद पंजाब में कांग्रेस के अंदर भूचाल आ गया है।
हरीश रावत ने चंडीगढ़ पहुंचने पर कहा था कि पंजाब में सिद्धू और कैप्टन विवाद नहीं है। अगर होगा भी तो उसे दूर करने का मेरा काम है। उन्होंने कहा कि वो किसी सिद्धू या कैप्टन कैंप नहीं बल्कि सिर्फ कांग्रेस कैंप को जानते हैं। उन्होंने कहा कि जो भी उनसे मिलना चाहता है, मिल सकता है। उन्होंने इतनी नसीहत जरूर दी कि पार्टी से बात करने के लिए नेता मीडिया को माध्यम न बनाएं।
वहीं, पंजाब आने से पहले माहौल ठंडा करने के लिए हरीश रावत ने कहा था कि चुनाव में पार्टी प्रधान के हाथ में ही कमान रहती है। वही ओवरऑल इलेक्शन मैनेजमेंट के कंट्रोलर होते हैं। मुख्यमंत्री भी इसमें योगदान देते हैं। उन्होंने सरकार चलाई होती है, इसलिए वे अपने कामकाज का हिसाब देते हैं।
इससे पहले जब पंजाब कांग्रेस के संगठन महासचिव परगट सिंह ने हमला बोला था तो रावत ने कहा था हमारे पास कई चेहरे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी हैं। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह, नवजोत सिद्धू व परगट सिंह समेत बड़े चेहरे हैं। इसके बावजूद अभी भी सिद्धू खेमे का हरीश रावत के प्रति गुस्सा कम नहीं हुआ है।
विरोधी पार्टियों की ईंट से ईंट बजाएंगे सिद्धू
पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश रावत ने ईंट से ईंट बजाने के परगट सिंह के बयान पर कहा कि सिद्धू पंजाब में भाजपा, अकाली दल व आम आदमी पार्टी की ईंट से ईंट बजाएंगे। हाल ही में सिद्धू ने अमृतसर में कहा था कि अगर हाईकमान ने उन्हें फैसले लेने की छूट न दी तो वे ईंट से ईंट बजा देंगे। परगट सिंह ने कहा था कि यह बयान हरीश रावत के लिए था। सिद्धू खेमा यह भी कह रहा है कि परगट सिंह सिर्फ पंजाब कांग्रेस के इंचार्ज हैं, कांग्रेस हाईकमान नहीं। इसलिए उनकी बातें निजी राय हो सकती हैं, हाईकमान का आदेश नहीं।
कलह सुलझाने की जगह उलझाते गए रावत
पंजाब कांग्रेस में पिछले करीब 8 महीने से कलह चल रही है। लोकल बॉडी मंत्रालय छीने जाने के बाद सिद्धू नाराज होकर घर बैठ गए है। हरीश रावत ही थे, जो लगातार सिद्धू से मिले और उन्हें फिर से बाहर निकाल लाए। इसके बाद सिद्धू पंजाब कांग्रेस के प्रधान बन गए। सबको उम्मीद थी कि इसके बाद कलह सुलझ जाएगी, लेकिन अब चुनाव में अगुवाई को लेकर पेंच फंसा हुआ है।
पहले खड़गे कमेटी सभी विधायकों से मिली, लेकिन बात नहीं बनी। कांग्रेस ने सिद्धू के साथ 4 कार्यकारी प्रधान भी लगाए, लेकिन मामला और बढ़ता जा रहा है। हरीश रावत भी इसे सुलझाने के चक्कर में उलझ गए हैं। जिस वजह से अब वे सीधे पंजाब के नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। अब सबकी नजर इस बात पर है कि हरीश रावत कौन-सा फॉर्मूला लेकर मंगलवार को चंडीगढ़ आ रहे हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.