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संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कृषि कानूनों के खिलाफ जिले के 3 स्थानों पर 1500 किसानों ने दोपहर 12 से 4 बजे तक रेल रोको आंदोलन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। रोपड़ में नंगल चौक रेलवे फाटकों पर 700 के करीब किसान रेलवे ट्रैक पर बैठे। आनंदपुर साहिब में 300 और मोरिंडा में रेलवे स्टेशन पुल के नीचे 500 के करीब किसानों ने रेल रोको आंदोलन किया।
रोष धरने दौरान बजुर्ग महिला ने भी स्टेज से संबोधन कaरके मोदी सरकार को कानून रद्द करने के लिए कहा। किसान नेताओं ने कहा कि 14 फरवरी को हुए नगर कौंसिल व नगर पंचायत चुनावों में भाजपा नेताओं की हार हुई है और 2022 में भी यही हाल होगा। आंदोलन में मुस्लिम भाईचारे के लोग भी पहुंचे और दिल्ली में भी आंदोलन का किया समर्थन।
रेल रोको आंदोलन में गुरचरन सिंह लंगरा वालों ने किसानों के लिए लंगर व चाय का लंगर लगाया। वहीं रेलवे कंट्रोल रूम से जानकारी अनुसार कोई रेल गाड़ी प्रभावित नहीं हुई है और सुबह 6:30 बजे जनशताब्दी रेल चली गई थी जोकि रात 8:20 पर वापस पहुंची और छह मालगाड़ियों में से चार मालगाड़ियां 12 बजे से पहले निकल गई और दो मालगाड़ियां पांच बजे निकाली गईं।
किसान जत्थेबंदियों में भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के सरपरस्त परगट सिंह रोलू माजरा, भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के गुरमेल सिंह बाड़ा, जिला अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन कादीयां गुरनाम सिंह जसड़ा, चरन सिंह मुडीयां ने कहा कि खेती कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों ने पहले रेलवे ट्रैक पर धरने दिए और टोल प्लाजा पर धरने दिए और अब पिछले 26 नवंबर से किसान दिल्ली में लगातार आंदोलन कर रहे हैं। मोदी सरकार ने आंदोलन के फेल करने के लिए 26 जनवरी को चाल चली लेकिन दिल्ली में आंदोलन और तेज हो गया है।
मीटिगों में किसानों के सवालों का जवाब नहीं दे पाती सरकार : नेता- किसान नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की एकता देख कर डरी हुई है। किसानों के साथ आज पूरा देश जुड़ा हुआ है। सरकार पेट्रोल व रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी करके अडानी व अंबानियों को लाभ पहुंचा रही है। किसान नेताओं के साथ हुई मीटिंगों में सवालों का कोई जवाब नहीं दिया जा रहा।
उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को नगर कौंसिल व नगर पंचायत चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों को किसी ने मुंह नहीं लगाया है और 2022 के विधानसभा चुनाव में भी राजनीतिक पार्टियों को किसानों की एकता दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि किसानी आंदोलन जीत की तरफ बढ़ रहा है और आंदोलन की अगुवाई सही हाथों में है। इस मौके पर सतनाम सिंह माजरी, कुलवंत सिंह सैनी, दलीप सिंह घनौला, अध्यक्ष ऑल इंडिया किसान सभा भुपिंदर सिंह,गुरइकबाल सिंह,अशोक कुमार,जगमनदीप सिंह पड़ी, जगतार सिंह, अध्यक्ष सीटू पंजाब महां सिंह रोड़ी,मुस्लिम भाईचारे के मौलवी अजहर हसन इमाम जामा मस्जिद, जरनैल सिंह पटवाली,
जमहूरी किसान सभा जरनैल सिंह, सिटू के गुरदेव सिंह बागी, गांव सिंघ सरपंच मेहर सिंह, कैप्टन जीएस ढिलो, कुलविंदर सिंह पंजोला, दविंदर सिंह जटाणा,सरपंच थली कलां कुलवंत कौर, सरपंच सतनाम सिंह सोही, नवीन दर्दी, रीमा रानी, अजीत परदेसी, तलविंदर सिंह गग्गों, बनवारी लाल, सतविंदर कौर माहल, कमल सैनी, अमरजीत सिंह माहलां, नंबरदार सौदागर सिंह व अन्य किसान उपस्थित थे।
धरने में पहुंची 100 साल की मलकीत कौर बोलीं- पुत्त, रोटी दी चिंता है ऐस लई आई हां- किसान रोष धरने में मलकीत कौर (100) ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के साथ धक्का कर रही है और अगर किसानों की जमीन ही नहीं रहेगी तो किसान फसल कहां लगाएंगे और देश के लोग भूख से मर जाएंगे। उन्होंने किसानों को दिल्ली आंदोलन में पहुंचने की अपील की है।
पॉजिटिव- आर्थिक दृष्टि से आज का दिन आपके लिए कोई उपलब्धि ला रहा है, उन्हें सफल बनाने के लिए आपको दृढ़ निश्चयी होकर काम करना है। कुछ ज्ञानवर्धक तथा रोचक साहित्य के पठन-पाठन में भी समय व्यतीत होगा। ने...
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