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रोपड़ जिले में पड़ती 4 नगर कौंसिलों व 2 नगर पंचायतों में कांग्रेस द्वारा एकतरफा जीत प्राप्त करने के बाद जहां कांग्रेसी वर्कर काफी उत्साहित हैं। वहीं अकाली दल, भाजपा व आप को अपना ही काडर उनके हाथ से जाने का अफसोस जाहिर हो रहा है। वहीं, किसानी आंदोलन का दंश झेल रही भाजपा जिले में 2 सीटों पर ही सिमट गई है। यह 2 सीटें भी उन्हें नंगल में ही मिली हैं। जबकि बाकी 5 जगहों पर भाजपा का खाता भी नहीं खुला।
इसी तरह भाजपा से गठबंधन टूटने व किसानी आंदोलन के बाद शिअद की हालत भी खराब हो गई है। अकाली दल भी पूरे जिले में 3 सीटें ही जीत पाया है। इनमें 2 सीटें रोपड़ व 1 कीरतपुर साहिब की है। इसी तरह पहली बार कौंसिल चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी का खाता भी नहीं खुला।
रोपड़ नगर कौंसिल में 14 उम्मीदवार ही उतार पाई थी भाजपा, इनमें दो प्रत्याशी चुनाव से पहले ही मुकर गए थे
आनंदपुर साहिब में भाजपा अपने किले में हो गई ढेर- जिले में भाजपा को चुनाव से पहले नंगल को छोड़ कहीं भी पूरे उम्मीदवार नहीं मिले। जबकि आनंदपुर साहिब में तो भाजपा के टिकट मिलने के बाद भी कई उम्मीदवार पार्टी के चुनाव चिह्न से चुनाव लड़ने से मुकर गए थे। इसी तरह रोपड़ में भाजपा द्वारा दी गई 14 टिकटों में से 12 उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में उतरे थे। जबकि 2 उम्मीदवार मुकर गए थे। वहीं, लंबे समय से अकाली दल के साथ गठजोड़ के दौरान आनंदपुर साहिब विधान सभा हलके से चुनाव लड़ने वाली भाजपा अपने किले में ही ढेर हो गई।
पार्टी को वहां जहां किसानी आंदोलन, गठजोड़ टूटने से नुकसान हुआ। पार्टी ने आपसी फूट का भी खामियाजा भी भुगता है। एक तरफ पूर्व मंत्री मदन मोहन मित्तल व दूसरी तरफ जिला अध्यक्ष जतिंदर सिंह अठवाल का धड़ा था। इसके चलते आनंदपुर साहिब में पार्टी को भीतरघात से भी नुकसान हुआ।
मोरिंडा और चमकौर साहिब में पार्टी सिंबल पर 1-1 उम्मीदवार ही उतार पाया था अकाली दल
शिअद के प्रवक्ता व पूर्व मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा नगर कौंसिल चुनाव में कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके। जबकि चीमा ने रोपड़ में वार्ड टू वार्ड दर्जनों मीटिंगें की थीं। अकाली दल को भाजपा से नाता टूटने और किसान आंदोलन का नुकसान हुआ है। आनंदपुर साहिब में तो अकाली दल को पूरे उम्मीदवार ही नहीं मिले। जबकि चमकौर साहिब व मोरिंडा में अकाली दल के सिंबल पर 1-1 उम्मीदवार ही चुनाव लड़ा। बाकी नेता आजाद लड़े। रोपड़ में 21 वार्डों में से अकाली दल मात्र 2 में ही जीत सका।
संदोआ की आप में वापसी भी नहीं दिखा सकी कोई रंग, जीरो पर सिमट गई पार्टी -नगर कौंसिल चुनावों में पहली बार उतरी आम आदमी पार्टी पूरे जिले में कहीं भी खाता नहीं खोल पाई। जबकि इससे पहले रोपड़ जिले के नव नियुक्त जिला अध्यक्ष एडवोकेट दिनेश चड्डा नगर कौंसिल चुनावों को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रहे थे। इसी तरह कांग्रेस से लौट कर दोबारा आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हलका विधायक अमरजीत सिंह संदोआ भी रोपड़ में वार्ड टू वार्ड मीटिंगें करते नजर आए थे। लेकिन दोनों नेताओं की मेहनत भी रंग नहीं ला सकी और जिले में पार्टी जीरो पर ही सिमट गई।
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